February 21, 2025

समस्तीपुर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र ने की आत्महत्या, प्रेम प्रसंग में दे दी जान

समस्तीपुर। बिहार के समस्तीपुर जिले में एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवक द्वारा आत्महत्या करने की दुखद घटना सामने आई है। युवक की पहचान विभूतिपुर प्रखंड के मंडा गांव निवासी 22 वर्षीय आशीष प्रसाद के रूप में हुई है। उसने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चांदनी चौक, जितवारपुर स्थित एक लॉज में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मृतक के परिजनों के अनुसार, आशीष पिछले कुछ समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समस्तीपुर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। वह एक स्थानीय लाइब्रेरी में प्रतिदिन अध्ययन के लिए जाया करता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती एक लड़की से हुई, जो उसी लाइब्रेरी में पढ़ने आती थी। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्रेम संबंध में बदल गई। बताया जा रहा है कि लगभग 10 से 15 दिन पहले किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद से लड़की ने आशीष से बात करना बंद कर दिया। इस घटना से आशीष मानसिक रूप से काफी आहत और परेशान रहने लगा। वह भीतर ही भीतर तनावग्रस्त हो गया, लेकिन उसने अपनी परेशानी किसी से खुलकर साझा नहीं की। घटना वाले दिन आशीष का भाई मिथिलेश कुमार किसी परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी के लिए गया हुआ था। जब वह देर रात ड्यूटी से लौटा तो उसने कमरे का दरवाजा बंद पाया। दरवाजा खटखटाने के बावजूद भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर दरवाजा तोड़ा गया तो आशीष का शव फंदे से झूलता मिला। यह दृश्य देखकर परिजन और आसपास के लोग स्तब्ध रह गए। तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। मुफस्सिल थाना के एसआई राहुल रजक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने कमरे की जांच की, लेकिन कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। प्रारंभिक जांच में पुलिस को प्रेम प्रसंग में असफलता के कारण आत्महत्या की बात सामने आई है। हालांकि, पुलिस सभी संभावित पहलुओं पर गहराई से छानबीन कर रही है। मृतक के परिवारवालों ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इस घटना से इलाके में शोक की लहर है। खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र समुदाय के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है। मानसिक तनाव और असफल प्रेम संबंधों के कारण युवाओं द्वारा आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो समाज के लिए एक चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। परिवारवालों और दोस्तों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों और आसपास के लोगों की भावनात्मक स्थिति पर नजर रखें। किसी भी तरह की मानसिक परेशानी होने पर खुलकर बातचीत करना और समय रहते सलाह लेना आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोक सकता है।

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