हरियाणा के चुनावी सभा में लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव का जबरदस्त विरोध, लोगों ने वापस जाओ के लगाए नारे
रेवाड़ी/पटना। हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों के प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीवी राव भी रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। लेकिन, चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। रेवाड़ी जिले के गिंदोखर गांव में एक चुनावी सभा के दौरान चिरंजीवी राव का जोरदार विरोध हुआ, जहां लोगों ने “गो बैक” के नारे लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया। चिरंजीवी राव, जो कांग्रेस के टिकट पर रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए गिंदोखर गांव पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही वे सभा को संबोधित करने लगे, भीड़ में से कुछ युवकों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। वे “चिरंजीवी गो बैक” के नारे लगाते हुए उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों का हिसाब मांगने लगे। युवकों ने आरोप लगाया कि चिरंजीवी राव ने पिछले पांच वर्षों में क्षेत्र की उपेक्षा की और कोई ठोस विकास कार्य नहीं किया। उनका कहना था कि चिरंजीवी राव 2019 के चुनाव में जीत के बाद पहली बार 2023 में इस गांव में आए, जब उन्होंने एक कच्चे रास्ते का शिलान्यास किया था। लेकिन शिलान्यास के बाद उस रास्ते का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है। विरोध कर रहे युवकों का आरोप था कि चिरंजीवी राव ने केवल चुनाव के समय गांव में आकर लोगों से वोट मांगे, जबकि बाकी समय उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर थी कि जब वह सत्ता में नहीं होते हैं, तो विकास कार्यों को पूरा करने का वादा करके चले जाते हैं, लेकिन उसके बाद स्थिति जस की तस रहती है। ग्रामीणों का कहना था कि जिस सड़क का शिलान्यास चिरंजीवी राव ने किया था, वह अब तक अधूरा पड़ा है, और विकास के नाम पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। इस स्थिति को संभालने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तुरंत कार्रवाई की और विरोध करने वाले युवकों को वहां से धक्का देकर हटा दिया। इसके बाद कार्यक्रम में कुछ देर तक अफरातफरी का माहौल बना रहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम जारी रहे, लेकिन विरोध के कारण सभा में काफी गहमागहमी रही। विरोध के बाद चिरंजीवी राव ने खुद पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी क्षेत्र के लिए पैसा आवंटित कराने की थी, और सरकार बनने पर विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि कांग्रेस की सरकार हरियाणा में नहीं है, इसलिए कुछ कामों में देरी हो रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो वे सभी लंबित विकास कार्यों को पूरा करेंगे। यह घटना चुनावी माहौल में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि यह घटना दर्शाती है कि ग्रामीण इलाकों में अब नेता केवल वादों पर टिके नहीं रह सकते। लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, और वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। चिरंजीवी राव का इस तरह का विरोध चुनावी प्रचार के बीच उनकी रणनीति पर सवाल खड़ा कर सकता है, और यह देखना होगा कि कांग्रेस इस स्थिति को कैसे संभालती है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस तरह के विरोध से यह स्पष्ट होता है कि मतदाता अब नेताओं से वादे नहीं बल्कि काम की अपेक्षा रखते हैं।