बाढ़ नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, वेतन वृद्धि की मांग, सड़कों पर कूड़े का अंबार

पटना। बाढ़ नगर परिषद के 250 सफाई कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे पूरे शहर में सफाई व्यवस्था ठप हो गई है। सोमवार से चली आ रही इस हड़ताल के कारण सड़कों और गलियों में कचरे का अंबार लग गया है। शहरवासियों को गंदगी और दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि नगर परिषद का बजट तो बढ़ गया है, लेकिन उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं हुई। पहले सफाई कार्यों के लिए मात्र 19 लाख रुपये का बजट निर्धारित था, जो अब बढ़कर 45 लाख रुपये हो गया है। इसके बावजूद कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। कर्मचारियों का आरोप है कि सफाई कार्यों में होने वाले खर्च में बड़े स्तर पर कमीशनखोरी की जा रही है। उनका कहना है कि नगर परिषद की ओर से सफाई के लिए तीन अलग-अलग चरणों में भारी धनराशि निकाली जाती है— नाली सफाई, सामान्य सफाई और डोर-टू-डोर सफाई। लेकिन इन कार्यों में वास्तविक खर्च कम होता है और बची हुई राशि अधिकारियों और ठेकेदारों की जेब में चली जाती है। कर्मचारियों का आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारी उनकी जायज़ मांगों को अनदेखा कर रहे हैं, जिससे वे हड़ताल करने को मजबूर हुए हैं।
एजेंसी और प्रशासन की सफाई
नगर परिषद की सफाई एजेंसी के अधिकारी रंजन कुमार ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को बिहार सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वेतन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सफाई कार्यों पर हर महीने लगभग 40 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं, जिसमें कर्मचारियों के वेतन के अलावा वाहनों का मेंटेनेंस, पेट्रोल और अन्य खर्च भी शामिल होते हैं। वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार रजक ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और सफाई एजेंसी के साथ चर्चा कर इसका समाधान निकाला जाएगा।
शहरवासियों की परेशानी
इस हड़ताल के कारण शहर के कई इलाकों में कूड़े के ढेर लग गए हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। जगह-जगह जमा कचरे और नालियों की सफाई न होने के कारण दुर्गंध फैल रही है, जिससे आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद की सफाई व्यवस्था ठप पड़ने से स्थानीय लोग भी नाराज हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए, ताकि शहर में सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से बहाल हो सके। वहीं, सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी वेतन वृद्धि की मांग पूरी नहीं होती, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नगर परिषद और सफाई कर्मचारी इस विवाद को हल करने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाते हैं और शहर को जल्द स्वच्छ बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
