मोदी सरकार 3.0 से मालामाल हुआ शेयर बाजार, मार्केट कैपिटल का रिकॉर्ड टूटा, निवेशकों की बंपर कमाई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी ने शेयर बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी ने हर दिन नए रिकॉर्ड बनाए हैं, और मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में भी नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। निवेशकों के उत्साह और नई सरकार के गठन के साथ, शेयर बाजार का कुल मूल्य पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर (5 लाख करोड़ डॉलर) को पार कर गया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय इक्विटी बाजार अब अमेरिका, चीन, जापान, और हांगकांग की श्रेणी में शामिल हो गया है। पिछले छह महीनों में भारतीय शेयर बाजार के मार्केट कैपिटलाइजेशन में $1 ट्रिलियन की वृद्धि हुई है। 29 नवंबर 2023 को बीएसई 4 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ सूचकांक था, जो 21 मई 2024 को 5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में इतनी तेजी से बढ़त पहले कभी नहीं देखी गई थी। वर्ष 2007 में 1 ट्रिलियन डॉलर से 2 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप तक पहुंचने में करीब 10 साल लग गए थे, जबकि 2021 में यह 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा। नई सरकार के गठन के साथ अधिकांश प्रमुख मंत्रियों का पुनः चयन नीतिगत स्थिरता की पुष्टि करता है। गोल्डमैन सैक्स के रणनीतिकार सुनील कौल ने कहा कि भारत असाधारण रूप से स्थिर मैक्रोइकॉनॉमिक्स वाला बाजार बना हुआ है और आय में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है, जिससे शेयरों में तेजी आएगी। हाल के वर्षों में लाखों युवा भारतीयों ने इक्विटी निवेश को प्राथमिकता दी है। आंकड़ों के अनुसार, बैंकों और बीमाकर्ताओं सहित स्थानीय फंडों ने इस साल 26 बिलियन डॉलर से अधिक के शेयर खरीदे हैं, जबकि विदेशियों ने लगभग 3.4 बिलियन डॉलर की बिकवाली की है। नोमुरा होल्डिंग्स इंक के एक रणनीतिकार चेतन सेठ ने कहा कि चुनावों के नतीजों के बाद विदेशों में भारतीय शेयर बाजार के प्रति दिलचस्पी बढ़नी शुरू हो गई है। मूल्यांकन संबंधी चिंताओं के कारण विदेशी निवेशक भारत के पर्याप्त हिस्से का लाभ नहीं उठा पाए हैं। भारतीय शेयर बाजार की यह तेजी न केवल निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है। मोदी सरकार की स्थिर और निवेशक-हितैषी नीतियों के चलते यह वृद्धि संभव हो पाई है। सरकार की विभिन्न योजनाएं और सुधारों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में इस तरह की अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। इस प्रकार, मोदी सरकार की तीसरी बार सत्ता में वापसी ने न केवल राजनीतिक स्थिरता प्रदान की है, बल्कि आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोले हैं। शेयर बाजार की इस वृद्धि ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी है, और निवेशकों के लिए बेहतर अवसर प्रस्तुत किए हैं।