November 9, 2024

बिहार के मुजफ्फरपुर में मिलीं अष्टधातु की 12 मूर्तियां व सिंहासन, तीन बदमाश गिरफ्तार

Close up of male hands in bracelets behind back

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर पुलिस व डीआईयू ने बेतिया पुलिस के सहयोग से रविवार की रात छापेमारी कर जिले के करजा थाना के मखदूमपुर कोदरिया गांव से अष्टधातु की 12 मूर्तियां व एक सिंहासन बरामद किया है। इसकी कीमत करोड़ों में हो सकती है। छापेमारी टीम ने गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार भी किया है। इन सभी से करजा थाने पर गहन पूछताछ की जा रही है। इनके खिलाफ भारतीय पुरात्व अधिनियम के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया की जा रही है। एफआईआर में गिरोह के अन्य बदमाशों को भी आरोपित किया जाएगा।

इसकी पुष्टि एएसपी वेस्ट सैयद इमरान मसूद ने की है। उन्होंने बताया कि मखदूमपुर कोदरिया से छोटू राय उर्फ राहुल राय, सौरभ कुमार और उज्जवल कुमार को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह में साहेबगंज का सत्येंद्र सहनी, राज कुमार सहनी और राहुल सहनी भी शामिल है। बीते मार्च से सत्येंद्र सहनी व राहुल सहनी आर्म्स एक्ट में जेल में बंद है। मोतीपुर पुलिस ने दोनों को आर्म्स के साथ पकड़ा था। दोनों को मूर्ति चोरी के मामले में रिमांड किया जाएगा। वहीं, फरार राजकुमार की गिरफ्तारी नहीं होने पर इश्तेहार व कुर्की की प्रक्रिया होगी।

बेतिया पुलिस ने रविवार को बेतिया बस स्टैंड से मोतिहारी के नगर थाना के अगरवा छोटी मस्जिद निवासी मो. अली जहान को गिरफ्तार किया था। वह बेतिया स्थित चोला मंगलम फाइनेंस कंपनी में लूटकांड का मुख्य आरोपित था। तलाशी के दौरान उसके बैग से पुलिस को महात्मा बुद्ध की कई प्राचीन मूर्तियां मिली।

बेतिया पुलिस की पूछताछ में मो. अली जहान ने बताया कि उसका गिरोह है, जो चंपारण के अलावा मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा आदि जिलों में सक्रिय है। फरवरी 2021 को मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना के नरियार स्थित एक मंदिर से कई मूर्तियां चुराई थी। इसे करजा में छिपाकर रखा था।

तस्कर के खुलासे के बाद बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने एक विशेष टीम गठन की। इसमें बेतिया नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार भास्कर, मुमताज आलम, अनिरुद्ध कुमार पंडित, संजय कुमार व पंकज कुमार को शामिल किया। टीम पहले मोतीपुर पहुंची और छापेमारी की। इसके बाद सीधे करजा थाना पहुंची, जहां एएसपी वेस्ट सैयद इमरान मसूद के नेतृत्व में करजा पुलिस ने डीआईयू के साथ मिलकर मखदूमपुर कोदरिया में छापेमारी की।

छापेमारी के दौरान राहुल राय को उसके घर से दबोचा गया। उससे मूर्ति के संबंध में जानकारी ली गई। पहले उसने इनकार कर दिया। जब मो. अली जहान की गिरफ्तारी की बात पुलिस ने बतायी और सख्ती बरती तो राहुल ने मूर्ति के बारे में बताया। घर के आंगन में मिट्टी दबाकर मूर्तियां रखी थी। पुलिस ने मूर्तियों को बरामद कर लिया। इसके बाद सौरभ व उज्जवल की गिरफ्तारी की। पूछताछ के दौरान राहुल ने पुलिस को बताया कि वह चोरी की गई मूर्तियों को अपने साथियों के साथ छिपाकर रखता है। साथ ही बेचने का भी धंधा करता है।

वहीं, एसडीपीओ सरैया राजेश कुमार ने बताया कि करजा से बरामद मूर्तियों में से पांच मूर्तियों की पहचान नरियार मंदिर के महंत ने कर ली है। उन्होंने दावा किया है कि 12 में से पांच मूर्तियां उनके मंदिर की हैं। मालूम हो कि फरवरी 2021 में मंदिर से मूर्तियां चोरी हो गई थी। मोतीपुर थाने में एफआईआर दर्ज भी कराई गई थी। उस वक्त इसे करोड़ का बताया गया था। वैसे मूर्तियां अष्टधातु की हैं या नहीं, इसकी जांच के बाद ही खुलासा हो सकेगा।

बेतिया से पकड़े गए मो. अली जहान व करजा से गिरफ्तार राहुल राय ने पुलिस को बताया कि चोरी की अष्टधातु की मूर्तियों को नेपाल में बेचा जाता है। वहां इसके खरीदार हैं। साथ ही मंडी भी है। चोरी करने के बाद वे सीतामढ़ी, जयनगर, रक्सौल समेत मोतिहारी व बेतिया से सटे नेपाल सीमा क्षेत्र से चले जाते हैं। अच्छी कीमत पर मूर्तियों को बेचते हैं। इसके बाद मूर्ति की क्वालिटी के अनुसार नेपाल के धंधेबाज उसे दूसरे देश में भेजकर मोटी कमाई करते हैं।

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