सरकारी स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति जल्द, 1745 पदों पर होगी बहाली
पटना। बिहार सरकार ने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है, और जल्द ही 1745 विशेष शिक्षकों के पदों पर बहाली की जाएगी। इन पदों पर योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा विज्ञापन जारी किया जाएगा।
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया
विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग ने जिलों से पदों का रोस्टर प्राप्त कर लिया है और अब सामान्य प्रशासन विभाग को इसकी अधियाचना भेजी जा रही है। इसके बाद, बीपीएससी के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे जाएंगे। राज्य भर में दिव्यांग बच्चों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, इन शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में की जाएगी। प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा एक से पांच) के लिए 5534 और मध्य विद्यालयों (कक्षा छह से आठ) के लिए 1745 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था
विशेष शिक्षकों की यह भर्ती राज्य के विभिन्न जिलों में उन बच्चों के लिए की जा रही है, जिनकी विशेष जरूरतें हैं, जैसे दृष्टिहीनता, श्रवण समस्याएं, शारीरिक अक्षमता, या मानसिक चुनौतियाँ। प्रत्येक विशेष आवश्यकता वाले बच्चे के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। यह पहल दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने और उन्हें समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा और योग्य उम्मीदवार
विशेष शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिए पहले से ही शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। इस पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थी ही इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ योग्य और प्रशिक्षित उम्मीदवारों का चयन किया जाए। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
विशेष शिक्षकों की जरूरत और भविष्य की योजनाएँ
वर्तमान में, बिहार के सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए कोई विशेष शिक्षक नहीं हैं। ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए जिलास्तर पर विशेष व्यवस्था की गई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इस नियुक्ति के बाद, स्कूल स्तर पर ही दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल का उद्देश्य इन बच्चों की शिक्षा को मुख्यधारा में लाना और उनकी विशेष जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्रदान करना है।
शिक्षा विभाग की तैयारियाँ
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। बिहार के विभिन्न जिलों से पदों की जानकारी मिलने के बाद अब केवल अधियाचना भेजी जानी है, जिसके बाद बीपीएससी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। यह नियुक्ति प्रक्रिया बिहार के शिक्षा क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों के लिए एक नया अवसर लेकर आएगी।
विशेष शिक्षकों की भूमिका और आवश्यकता
विशेष शिक्षक न केवल दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी काम करेंगे। ये शिक्षक बच्चों की विशेष जरूरतों के अनुसार पढ़ाई की सामग्री और विधियों को तैयार करेंगे, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया आसान हो सके। इसके अलावा, यह पहल स्कूलों में समान अवसर और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है, जिससे दिव्यांग बच्चे भी शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। बिहार में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति न केवल दिव्यांग बच्चों के लिए, बल्कि राज्य के शिक्षा तंत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त अवसर प्रदान करेगी। इसके साथ ही, इन विशेष शिक्षकों की नियुक्ति से स्कूलों में समावेशी शिक्षा की अवधारणा को भी मजबूती मिलेगी, जिससे सभी बच्चों को समान रूप से शिक्षा का अधिकार मिल सकेगा।