बिहार में उत्तर ग्रामीण बैंक और दक्षिण ग्रामीण बैंक का होगा विलय, अधिसूचना जारी, पटना में मुख्यालय

पटना। बिहार में ग्रामीण बैंकिंग ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य के दो प्रमुख ग्रामीण बैंकों – उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक – का विलय कर एक नई बैंकिंग संस्था बनाई जा रही है, जिसका नाम ‘बिहार ग्रामीण बैंक’ होगा। यह विलय 1 मई 2025 से प्रभावी होगा और इसका मुख्यालय पटना में स्थापित किया जाएगा। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित “एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक” नीति के तहत उठाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना है।
विलय के बाद शाखाओं और पूंजी में वृद्धि
विलय के बाद ‘बिहार ग्रामीण बैंक’ की कुल 2105 शाखाएं होंगी, जो इसे राज्य का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक बना देगा। वर्तमान में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की 1027 शाखाएं हैं जबकि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की 1078 शाखाएं हैं। इसके साथ ही नए बैंक की कुल पूंजी 2000 करोड़ रुपये होगी, जो विभिन्न सरकारी संस्थानों और प्रायोजक बैंकों से प्राप्त की जाएगी।
ऋण वितरण और आर्थिक प्रभाव
दोनों बैंकों का ऋण वितरण भी काफी महत्वपूर्ण है। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का कुल ऋण वितरण लगभग 10,961 करोड़ रुपये है, वहीं दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का ऋण वितरण 8916 करोड़ रुपये है। दोनों के विलय से न केवल पूंजी बढ़ेगी, बल्कि संसाधनों का समुचित उपयोग कर बेहतर वित्तीय सेवाएं दी जा सकेंगी। इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
ग्राहकों को हो सकती है कुछ अस्थायी चुनौतियाँ
हालांकि इस प्रक्रिया में ग्राहकों को शुरुआती दौर में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि बैंकिंग सेवाओं की प्रणाली में बदलाव, तकनीकी प्लेटफॉर्म का अंतर और खातों का समायोजन। कुछ ग्राहकों को अपने खाते या सेवाओं को नए प्रायोजक बैंक से जोड़ने की आवश्यकता पड़ सकती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह सारी चुनौतियाँ अस्थायी हैं और लंबे समय में इससे बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आएगी तेजी
इस विलय से एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और भी सरल और तेज़ होगा। एकीकृत बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधे लाभ पहुँचाना और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना आसान हो जाएगा। उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंकों का विलय राज्य की बैंकिंग व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव है। इससे न केवल बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण जनता को अधिक सशक्त और संगठित बैंकिंग सेवाएं भी मिलेंगी। यह कदम बिहार को एक सशक्त ग्रामीण बैंकिंग ढांचा प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।

You may have missed