पटना सिटी में स्कूल जा रहे भाई-बहन को हाईवा ने मारी टक्कर, लोगों ने ड्राइवर को पीटा
पटना। राजधानी के पटना सिटी के बड़ी पहाड़ी क्षेत्र में सोमवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें स्कूल जा रहे भाई-बहन की जोड़ी को एक हाईवा ने टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में बहन तो बाल-बाल बच गई, लेकिन भाई अभिषेक कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के तुरंत बाद वहां पर मौजूद स्थानीय लोगों ने ड्राइवर को घेर लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी, जिससे वह भी घायल हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने की कोशिश की। हालांकि, गुस्साए लोगों ने पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की और सड़क जाम कर दिया। इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि अभिषेक कुमार अपनी छोटी बहन के साथ बड़ी पहाड़ी स्थित स्कूल जा रहा था। अभिषेक मूल रूप से मुजफ्फरपुर का निवासी है, लेकिन पिता की मौत के बाद वह पटना के बड़ी पहाड़ी इलाके में अपने मामा दीपेश कुमार के यहां रहकर पढ़ाई कर रहा था। अभिषेक और उसकी बहन रोजाना की तरह स्कूल जा रहे थे, जब अचानक एक हाईवा ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। इस टक्कर में अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि उसकी बहन किसी तरह खुद को बचाने में सफल रही। हादसे के तुरंत बाद आसपास के लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने बिना किसी देरी के हाईवा ड्राइवर सियाराम कुमार को पकड़ लिया। गुस्साए लोगों ने ड्राइवर की जमकर पिटाई कर दी, जिससे वह भी घायल हो गया। ड्राइवर सियाराम कुमार राजारमपुर शेखपुरा का निवासी है और हादसे के समय वह अपने घर लौट रहा था। लोगों का गुस्सा इस कदर था कि उन्होंने पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की और हाईवा ट्रक को घटनास्थल पर ही रोक दिया, जिससे सड़क पर यातायात बाधित हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही अगमकुआं थाना सहित कई अन्य थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने घायल ड्राइवर को बचाकर इलाज के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया। वहीं, गंभीर रूप से घायल अभिषेक को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हाईवा ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया और ट्रैफिक थाने की टीम ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। यह हादसा सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की अनदेखी का एक और उदाहरण है। हाईवा ट्रकों का तेज गति से चलना और रिहायशी इलाकों में अनियंत्रित ड्राइविंग हमेशा से ही चिंता का विषय रहा है। इस घटना ने फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को कितनी सतर्कता बरतने की जरूरत है, खासकर ऐसे इलाकों में जहां बच्चे और अन्य पैदल यात्री बड़ी संख्या में मौजूद होते हैं। अभिषेक कुमार मूल रूप से मुजफ्फरपुर का निवासी अभिषेक अपने पिता की मृत्यु के बाद अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए अपने मामा के पास पटना में रह रहा था। उसका सपना था कि वह अच्छे से पढ़ाई करके अपने परिवार की मदद कर सके। इस हादसे ने न केवल अभिषेक की जिंदगी पर संकट खड़ा कर दिया है, बल्कि उसके परिवार को भी एक गहरे सदमे में डाल दिया है। उसकी छोटी बहन, जो इस हादसे की गवाह रही, उस पर भी इसका मानसिक प्रभाव पड़ा है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा स्वाभाविक था। उन्होंने ड्राइवर को घेरकर पिटाई की, जो किसी भी स्थिति में कानून का सही पालन नहीं है। लेकिन यह घटना प्रशासन और ट्रैफिक व्यवस्था की खामियों को भी उजागर करती है। लोगों का कहना था कि बड़ी पहाड़ी इलाके में आए दिन तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं और ट्रैफिक पुलिस का ध्यान इस ओर नहीं होता। इस तरह के हादसों से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जो कभी-कभी कानून को हाथ में लेने पर मजबूर कर देता है। घटना के बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लोगों ने न केवल ड्राइवर को पीटा बल्कि पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की और सड़क जाम कर दिया। इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस के सामने न सिर्फ अपराधियों को काबू में रखने की चुनौती है, बल्कि जनता के गुस्से को संभालने की भी जिम्मेदारी है। इस हादसे ने पुलिस और प्रशासन के लिए ट्रैफिक नियमों को कड़ाई से लागू करने की जरूरत को फिर से उजागर किया है। इस हादसे से सबक लेते हुए जरूरी है कि प्रशासन ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाने के लिए कदम उठाए। रिहायशी इलाकों में भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करना और गति सीमा का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य होना चाहिए। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी कानून हाथ में लेने से बचना चाहिए और अपनी शिकायतों को उचित माध्यम से दर्ज कराना चाहिए। पुलिस और ट्रैफिक विभाग को लोगों के साथ मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए उचित कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। पटना सिटी में हुए इस सड़क हादसे ने न केवल एक मासूम बच्चे को गंभीर रूप से घायल कर दिया, बल्कि स्थानीय लोगों के गुस्से और ट्रैफिक व्यवस्था की खामियों को भी उजागर किया। इस घटना से साफ है कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण कितनी बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अब समय आ गया है कि प्रशासन, पुलिस, और स्थानीय लोग मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं और सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। इससे न केवल लोगों की जान बचाई जा सकेगी, बल्कि समाज में शांति और कानून व्यवस्था भी बनाए रखी जा सकेगी।