विजय सिन्हा ने विपक्ष को बताया असुर, कहा- उनकी प्रवृत्ति शांति भंग करने वाली, हार से बढ़ रही बेचैनी
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कन्याकुमारी में ध्यान साधना को लेकर सियासी माहौल गर्म हो गया है। विपक्ष ने इस पर पीएम मोदी को निशाना बनाया है, तो वहीं बीजेपी ने विपक्ष पर पलटवार किया है। बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने विपक्ष की तुलना असुरों से की है। उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सावन में मटन और नवरात्र से पहले मछली खाते हैं। उनकी प्रवृत्ति हमेशा शांति भंग करने की रही है। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में आरजेडी और कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं जो सनातन की संस्कृति से दूर हो चुके हैं। ये लोग सावन में मटन और नवरात्र से पहले मछली खाते हैं। सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सनातन की संतान बताते हुए कहा कि जब-जब वे धर्म के प्रति आस्था व्यक्त करके ध्यान करते हैं, तो इन असुर प्रवृत्ति के लोगों की बेचैनी बढ़ जाती है। विजय सिन्हा ने कहा कि हमारा इतिहास गवाह है कि जब-जब हमारे संत महात्मा यज्ञ करते थे, तो असुर प्रवृत्ति के लोग विघ्न डालते थे। इनकी प्रवृत्ति हमेशा शांति भंग करने और समाज के उत्थान और कल्याण के खिलाफ रहती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की कन्याकुमारी में ध्यान साधना के समय भी ऐसा ही हो रहा है। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर गुरुवार को 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की। वे शनिवार तक ध्यान में रहेंगे। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे मार्केटिंग करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में गुफा में बैठकर फोटो खिंचवाने गए थे, अब कन्याकुमारी गए हैं। आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी सिर्फ कैमरे के सामने ही ध्यान करते हैं। उन्होंने इसे एक राजनीतिक नाटक बताया और कहा कि इसका मकसद सिर्फ मीडिया का ध्यान खींचना है। इस पूरी घटना ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। विपक्ष के आरोपों और बीजेपी के पलटवार ने इसे और अधिक उग्र बना दिया है। ध्यान साधना के बहाने जहां बीजेपी अपने नेता की धार्मिकता और आस्था को दिखाने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष इसे एक राजनीतिक स्टंट करार दे रहा है। आगामी चुनावों को देखते हुए यह विवाद और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने-अपने समर्थकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।