गिरिराज सिंह का विपक्ष पर हमला, कहा- वे वोट बैंक के लिए बिहार को पाकिस्तान बना देंगे
पटना। असम विधानसभा में शुक्रवार की नमाज के लिए दिए जाने वाले दो घंटे के ब्रेक पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती देते हुए कहा था कि “किसी माई के लाल में हिम्मत नहीं है कि वह मुसलमानों का हक छीन सके।” इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव और विपक्ष पर तीखा पलटवार किया है। गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव के बयान का जवाब देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और असम विधानसभा के अध्यक्ष की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैं असम विधानसभा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने एक देश, एक कानून के तहत यह फैसला लिया। सोमवार से शुक्रवार तक सदन की कार्यवाही निर्बाध रूप से चले, इसके लिए उन्होंने जो किया, वह सराहनीय है। गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि यह कोई हिंदू-मुसलमान का मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, “यह मामला विशुद्ध रूप से एक देश, एक कानून का है।” उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता, खासकर तेजस्वी यादव, मुस्लिम वोट बैंक के ठेकेदार बनते जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर विपक्ष का शासन आता है, तो वे बिहार और उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को सरकारी छुट्टी घोषित कर देंगे। गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर देश में राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की सरकार बनती है, तो ये लोग भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश बना देंगे। उन्होंने हिंदू धर्म के अनुयायियों की ओर से कोई विशेष छुट्टी की मांग नहीं होने का उल्लेख किया। “किसी हिंदू ने तो कभी यह नहीं कहा कि मंगलवार को हनुमान जी की, सोमवार को महादेव की, या अन्य दिनों अन्य देवी-देवताओं की पूजा होती है, तो उन्हें छुट्टी दी जाए। गिरिराज सिंह ने अपने बयान में एक बार फिर “एक देश, एक कानून” की नीति की वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत में केवल एक देश और एक कानून ही लागू हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति को धार्मिक आधार पर कानून में बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती। गिरिराज सिंह के इस बयान से स्पष्ट है कि असम विधानसभा के निर्णय ने न केवल असम में, बल्कि पूरे देश में राजनीतिक बहस को हवा दी है। इस मुद्दे पर बीजेपी और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर बीजेपी एक देश, एक कानून की नीति पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से जोड़कर देख रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गर्मा सकता है, खासकर जब देश अगले चुनावों की ओर बढ़ रहा है।