बगहा में थाना के एसआई रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी विभाग ने रंगेहाथ दबोचा

बगहा। बिहार के बगहा में पुलिस अवर निरीक्षक (एसआई) ओम प्रकाश गुप्ता को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना की टीम ने 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई 11 मार्च 2025 को की गई, जब गुप्ता एक मामले में राहत देने के एवज में रिश्वत मांग रहे थे। निगरानी विभाग को इसकी सूचना पहले ही मिल चुकी थी, जिसके बाद टीम ने जाल बिछाकर यह कार्रवाई की। सूत्रों के अनुसार, भैरोगंज थाना में तैनात पुलिस अवर निरीक्षक ओम प्रकाश गुप्ता किसी व्यक्ति से एक केस में राहत देने के बदले 10,000 रुपये की मांग कर रहे थे। पीड़ित ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना से की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निगरानी विभाग ने पूरी योजना बनाई और एक टीम गठित कर बगहा भेजी। योजना के तहत, जैसे ही शिकायतकर्ता ने पुलिस अधिकारी को रिश्वत की रकम सौंपी, निगरानी विभाग की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई पूरी तरह योजनाबद्ध थी, जिससे कोई गड़बड़ी न हो और दोषी अधिकारी को कानून के शिकंजे में लाया जा सके। गिरफ्तारी के बाद ओम प्रकाश गुप्ता को निगरानी विभाग की टीम अपने साथ ले गई। फिलहाल, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और उनसे पूछताछ जारी है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि कहीं उनके खिलाफ पहले भी ऐसे आरोप लगे हैं या नहीं। निगरानी विभाग यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या उनके साथ अन्य पुलिसकर्मी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल थे। आमतौर पर इस तरह के मामलों में एक पूरा नेटवर्क काम करता है, इसलिए आगे की जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं। बिहार सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है और सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे घूसखोरी के मामलों को उजागर कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार में कई प्रशासनिक अधिकारी, पुलिसकर्मी और अन्य सरकारी कर्मचारी निगरानी विभाग के जाल में फंस चुके हैं। सरकार का कहना है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी। इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो जनता को चुप नहीं रहना चाहिए। शिकायत करने से न केवल भ्रष्टाचारियों को सजा मिलती है, बल्कि अन्य अधिकारियों को भी एक सख्त संदेश जाता है कि कानून से बचना आसान नहीं है। बगहा में हुई यह कार्रवाई न केवल निगरानी विभाग की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार गंभीर है। ऐसे मामलों में जनता की भागीदारी बेहद जरूरी है, ताकि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके। बगहा में पुलिस अवर निरीक्षक ओम प्रकाश गुप्ता की गिरफ्तारी बिहार में जारी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का एक और उदाहरण है। इस घटना ने साबित कर दिया है कि कानून के शिकंजे से भ्रष्ट अधिकारी बच नहीं सकते। निगरानी विभाग की सक्रियता और जनता की जागरूकता से भविष्य में भी ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सकता है। बिहार सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। पुलिस के अनुसार, यदि आरोप प्रमाणित होते हैं तो एसआई के खिलाफ निलंबन और सेवा समाप्ति की कार्रवाई भी हो सकती है। इस घटना से पुलिस विभाग की छवि पर गहरा धक्का लगा है और स्थानीय लोगों ने निगरानी टीम के इस कदम की सराहना की है। वहीं, पीड़ित पक्ष अब न्याय की उम्मीद कर रहा है। मामले की आगे की जांच जारी है।
