September 28, 2024

राजद छोड़ जदयू में आए श्याम रजक को मिली बड़ी जिम्मेदारी, नीतीश ने बनाया पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव

पटना। बिहार की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और दलित समुदाय के प्रभावशाली नेता श्याम रजक ने पार्टी छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का दामन थाम लिया है। इसके बाद, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्याम रजक को जदयू में एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है, जिसका आधिकारिक ऐलान पार्टी की ओर से सोमवार को एक पत्र जारी कर किया गया। श्याम रजक का जदयू में वापस आना बिहार की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है, क्योंकि वह दलित समुदाय विशेषकर महादलितों के बीच काफी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। इससे पहले भी रजक जदयू का हिस्सा रह चुके थे, लेकिन उन्होंने कुछ समय पहले जदयू छोड़कर राजद का दामन थामा था। हालाँकि, हाल के दिनों में उनका जदयू में वापस लौटना इस बात का संकेत है कि पार्टी ने उनकी राजनीतिक ताकत को पहचानते हुए उन्हें एक बार फिर से बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। इस नियुक्ति के पीछे जदयू की रणनीति को समझना जरूरी है। श्याम रजक का दलित और महादलित समुदायों में गहरा जनाधार है, जिसे नीतीश कुमार ने हमेशा अपने राजनीतिक एजेंडे में महत्वपूर्ण स्थान दिया है। महादलितों के लिए विशेष नीतियाँ और योजनाएँ लागू करने में नीतीश कुमार ने काफी मेहनत की है, और श्याम रजक जैसे नेता के साथ आने से जदयू को इस समुदाय में और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है। इस महीने की शुरुआत में पटना में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में श्याम रजक की पार्टी में वापसी हुई थी। संजय झा ने इस मौके पर कहा था कि रजक के आने से पार्टी को न केवल महादलित समुदाय में बल्कि समग्र रूप से जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी। श्याम रजक के आने से जदयू की राजनीति में एक नया उत्साह दिखाई दे रहा है, खासकर तब जब पार्टी बिहार में अपनी पकड़ को और भी मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इस कदम को आगामी चुनावों के मद्देनजर भी देखा जा रहा है, जहाँ दलित और महादलित समुदायों का समर्थन किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। नीतीश कुमार ने हमेशा अपने राजनीतिक करियर में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर जोर दिया है। श्याम रजक की नियुक्ति इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। यह जदयू की राजनीतिक रणनीति को भी उजागर करता है, जिसमें पार्टी विभिन्न समुदायों के प्रभावशाली नेताओं को अपने साथ जोड़कर आगामी चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रही है। इस तरह, श्याम रजक को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाना न केवल पार्टी के लिए एक राजनीतिक निर्णय है, बल्कि यह नीतीश कुमार की सामाजिक समरसता और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।

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