रामविलास पासवान पर हमलावर थे शिवानंद तिवारी-‘युवाओं को सब्जबाग दिखा रहे पासवान’
बिहार डेस्क अमृतवर्षाः आरक्षण को लेकर आज राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी केन्द्रीय मंत्री सह लोजपा सुप्रीमो पर हमलावर थे। शिवानंद तिवारी ने कहा कि रामविलास पासवान इन युवाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का सब्जबाग दिखा रहे हैं.आरजेडी नेता ने कहा, ‘‘ सबको मालूम है कि आरक्षण का संवैधानिक आधार आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन है. 1991 में नरसिंह राव की सरकार ने उच्च जातियों के गरीब परिवार के नौजवानों को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया था. लेकिन 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने उस आरक्षण व्यवस्था को संवैधानिक आधार पर अमान्य कर दिया था. सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन के अलावे अलग-अलग जातियों का उनकी आबादी के अनुपात में सरकारी सेवा में उनका कितना प्रतिनिधित्व है, इसको भी आरक्षण का एक आधार माना गया है. इस कसौटी पर तो उच्च जातियों के लिए सरकारी सेवा में आरक्षण का आधार बिल्कुल नहीं बनता है. क्योंकि सरकारी नौकरियों में उच्च जातियों का प्रतिनिधित्व उनकी आबादी के अनुपात के मुकाबले बहुत ज्यादा है.’’ उन्होंने कहा कि उच्च जातियों में भी गरीबी और बेरोजगारी की समस्या विकट है. इसलिए उच्च जातियों के नौजवानों में अपनी बेरोजगारी को लेकर जो चिंता या गुस्सा है उसको जायज माना जाएगा. लेकिन उनके गुस्से का निशाना सही नहीं है. वे क्यों भूल गए कि नरेंद्र मोदी जी ने 2014 के लोकसभा चुनाव अभियान के दरम्यान अच्छे दिनों का वायदा किया था. प्रति वर्ष दो करोड़ बेरोजगार नौजवानों को काम देने का संकल्प घोषित किया था. देश के नौजवानों ने मोदी जी के उस वादे पर भरोसा कर किस प्रकार जातीय और धार्मिक दायरे से ऊपर उठकर उन्मादी ढंग से पिछले लोकसभा चुनाव में उनका समर्थन किया था. लेकिन मोदी सरकार ने तो नौजवानों के साथ बहुत बड़ा छल किया है.आरजेडी नेता ने साफ कहा कि गरीबी को आधार बनाकर सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है .