पटना समेत कई जिलों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान: आज से बढ़ेगी भीषण गर्मी, लू चलने का अलर्ट जारी

पटना। बिहार में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है। राज्य के कुछ हिस्सों में जहां हल्की बारिश की संभावना जताई गई है, वहीं बाकी जिलों में भीषण गर्मी और लू का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 21 अप्रैल से राज्य में तापमान में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी और अगले चार दिनों तक गर्म हवाएं चलने की संभावना है।
कई जिलों में हल्की बारिश की उम्मीद
उत्तर-पूर्वी बिहार के कुछ जिलों को फिलहाल गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। खासकर किशनगंज और पूर्णिया समेत कुल छह जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। यह बारिश स्थानीय तापमान को कुछ समय के लिए कम कर सकती है, जिससे लोगों को राहत मिल सकती है। हालांकि, यह राहत बहुत सीमित अवधि के लिए होगी।
राज्य में तापमान तेजी से बढ़ेगा
21 अप्रैल से प्रदेश में अधिकतम तापमान में तेज वृद्धि होने की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कई जिलों में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। रविवार को ही औरंगाबाद और गया में राज्य का सबसे अधिक तापमान 39.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दिन के समय तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण लोगों को ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है।
लू की चपेट में आ सकते हैं ये जिले
24 और 25 अप्रैल को राज्य के कई जिलों में लू चलने की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में बांका, जमुई, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, नालंदा, पटना, गया, बक्सर, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, जहानाबाद और अरवल शामिल हैं। इन क्षेत्रों में ‘हॉट डे’ की स्थिति बन सकती है, यानी तापमान के साथ-साथ गर्म हवाएं भी जनजीवन को प्रभावित करेंगी।
लू से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी
मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे दिन के समय, विशेष रूप से दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने, हल्के और ढीले कपड़े पहनने तथा सिर को ढंक कर बाहर निकलने की सलाह दी गई है। गर्म हवाओं और तेज धूप से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
गर्मी का असर जनजीवन पर पड़ेगा
आने वाले दिनों में तेज गर्मी और लू के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है। स्कूल, दफ्तर और बाजारों में गर्मी का असर साफ तौर पर देखने को मिलेगा। सरकार और प्रशासन को भी इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है, ताकि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को समय रहते सक्रिय किया जा सके।

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