बक्सर में क्लास में स्कूल शिक्षक को आया हार्ट अटैक, स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के दौरान हुई मौत
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां स्कूल में पढ़ाते समय एक शिक्षक की हृदयाघात (हार्ट अटैक) से मृत्यु हो गई। यह घटना सिमरी प्रखंड के मध्य विद्यालय नगवा में हुई, जब कक्षा के दौरान शिक्षक विश्वनाथ प्रसाद अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। बताया जा रहा है कि शिक्षक उस समय छात्रों को पढ़ा रहे थे। सूत्रों के अनुसार, शिक्षक विश्वनाथ प्रसाद आशा पड़री गांव के निवासी थे और 2014 से इस विद्यालय में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे थे। सोमवार को जब वह हमेशा की तरह विद्यालय पहुंचे, तो किसी को भी अंदाजा नहीं था कि यह उनका आखिरी दिन होगा। कक्षा के दौरान ही अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह गिर पड़े। स्कूल के अन्य स्टाफ और छात्रों ने तुरंत उन्हें पास के सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद विद्यालय और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। स्कूल के छात्रों, सहकर्मियों और अन्य शिक्षकों में इस दुखद घटना को लेकर गहरा शोक व्याप्त है। विश्वनाथ प्रसाद को सभी शिक्षक और छात्र काफी पसंद करते थे। वह अपने विनम्र स्वभाव और ज्ञान की गहराई के लिए जाने जाते थे। उनके अचानक निधन से विद्यालय में शोक का माहौल बन गया है। इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया जा रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी। पुलिस ने उनके परिजनों को भी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं। विश्वनाथ प्रसाद की मृत्यु से शिक्षा जगत में एक गहरी क्षति हुई है। उनके निधन पर स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने शोक जताया और कहा कि उनकी शिक्षा के प्रति समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा प्रेरणादायक थी। वह अपने छात्रों के प्रति बेहद जिम्मेदार थे और हमेशा से उन्हें बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करते थे। यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि वर्तमान जीवनशैली और कार्यभार के कारण हृदय संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। शिक्षक विश्वनाथ प्रसाद की मौत हृदयाघात से हुई, जो अचानक ही आता है और इसमें पीड़ित को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। समय पर सही उपचार न मिल पाने की स्थिति में यह घातक साबित हो सकता है। सरकार और प्रशासन से यह उम्मीद की जाती है कि वह इस प्रकार की घटनाओं से सबक लेते हुए सभी सरकारी और निजी संस्थानों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने के प्रयास करेंगे। इसके साथ ही, शिक्षकों और कर्मचारियों को भी समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में गहरा शोक फैलाया है और विश्वनाथ प्रसाद की यादों को हमेशा संजोकर रखा जाएगा। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।