शिक्षा मंत्री बोले- विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार मील का पत्थर होगा साबित, लड़कियों की ड्राप आउट रेट कम करने को अत्यंत आवश्यक
पटना। हम सब जानते हैं कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है। इसके लिए स्कूलों में एक स्वस्थ वातावरण बनाने और उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता व्यवहार विकसित करने की नितांत आवश्यक है ताकि हमारे बच्चे स्वस्थ रहकर पढ़ाई-लिखाई कर सकें। लड़कियों की ड्राप आउट रेट कम करने हेतु यह अत्यंत आवश्यक है। विद्यालयों में जल, सफाई एवं स्वच्छता मानकों को बेहतर करने में विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार मील का पत्थर साबित होगा। ग्रामीण क्षेत्रों और दुर्गम स्थानों में स्थित स्कूलों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। इसके जरिए कोविड महामारी के संदर्भ में स्कूलों में स्वच्छता मानकों को सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी। सरकार इसके सफल क्रियान्वयन हेतु हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त बातें बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नया सचिवालय परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार एवं स्कूलों में राज्य विशिष्ट वॉश बेंचमार्किंग सिस्टम के लांचिंग समारोह के दौरान कहीं।
यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से शुरू किए जा रहे इस अनूठी पहल को शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री, यूनिसेफ इंडिया के उप प्रतिनिधि यासुमासा किमुरा, यूनिसेफ बिहार प्रमुख नफीसा बिंते शफीक, यूनिसेफ बिहार के वॉश विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर सिन्हा, शिक्षा विभाग एवं यूनिसेफ के अन्य अधिकारी की उपस्थिति में लांच किया गया।