डॉ. सत्यानंद का ‘पारस’ पर तगड़ा अटैक, कहा- जो 50 लोगों का परिवार नहीं चला सका, वह लाखों लोगों की पार्टी कैसे चला सकता

पटना। लोजपा-सेक्यूलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष व रामविलास पासवान के दोस्त रहे डॉ. सत्यानंद शर्मा खुलकर चिराग पासवान के साथ खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पशुपति कुमार पारस लोजपा के स्वयं-भू अध्यक्ष तो चुने गए हैं परन्तु यह भूल गए कि जिस बैठक को राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बता रहे हैं, वह सिर्फ “पारस” के चंद समर्थकों की बैठक थी। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बुला सकता है। दूसरे किसी को यह अधिकार प्रदत्त नहीं है। ऐसी स्थिति में श्री पारस को अध्य्क्ष बनना लोजपा से अलग अपना गुट बनाने जैसा है। क्योंकि अवैध बैठक में कोई वैध अध्यक्ष नहीं चुना जा सकता है।
आगे डॉ. शर्मा ने कहा कि किसी भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर विराजमान होने के लिए अच्छे वक्ता, कई भाषाओं के ज्ञाता और सहनशील संगठनकर्ता होना आवश्यक होता है। पारस में इन तीनों गुणों का अभाव है। जो व्यक्ति 50 लोगों का परिवार नहीं चला सका, वह लाखों लोगों की पार्टी कैसे चला सकता है। ऐसे लोग परिवार की तरह पार्टी भी तोड़ते रहेंगे।
अंत में डॉ. शर्मा ने श्री पारस को “कृतघंन” व्यक्ति बताते हुए कहा कि जिस रामविलास पासवान ने जिस “पारस” को एक मामूली शिक्षक से उठा कर सन् 1977 में विधायक बनाया, बाद में मंत्री और सांसद बनाया। वहीं पारस ने रामविलास पासवान के मरते ही उनकी पत्नी और बेटा को न सिर्फ प्रताड़ित किया बल्कि पार्टी से बेदखल करने का घिनौना साजिश किया।
