एससी-एसटी में क्रीमीलेयर पर संजय झा बोले, कहा- हमारे नेता ने यहां 2007 में ऐसा किया, ताकि हर तपके का विकास हो

पटना। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है, यह कहते हुए कि संविधान में एससी-एसटी आरक्षण को लेकर क्रीमी लेयर की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए इसे लागू करना संभव नहीं है। संजय झा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2007 में किए गए महादलित विकास मिशन का उल्लेख किया, जो बिहार में दलित समुदाय के उन लोगों के लिए बनाया गया था, जो समाज के अंतिम पायदान पर थे। उन्होंने बताया कि महादलित मिशन के तहत बिहार सरकार ने हजारों दलितों को आगे बढ़ाने का काम किया है। यह मिशन अब भी चल रहा है और इसके माध्यम से दलित कल्याण के कई कार्य किए जा रहे हैं। संजय झा का कहना है कि बिहार में सबसे पहले 2007 में ही इस तरह की पहल की गई थी, जिससे हर तबके का विकास सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, संजय झा ने वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इस कानून से गरीब मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जिसे लेकर विपक्ष विरोध कर रहा है। संजय झा ने स्पष्ट किया कि यह संशोधन कानून ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेजा गया है, और विपक्षी दलों को अपनी बात वहां जाकर कहनी चाहिए। जब संजय झा से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह मामला अभी भी कोर्ट में है और मनीष सिसोदिया को केवल जमानत मिली है, वे इस मामले में बरी नहीं हुए हैं। इसलिए, इस पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। संजय झा ने जोर देकर कहा कि जमानत का मतलब यह नहीं है कि सिसोदिया इस मामले से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं। संजय झा के बयान से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र और बिहार सरकार अपने-अपने स्तर पर दलित और महादलित समुदाय के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार में महादलित विकास मिशन के तहत किए गए कामों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य के कई दलित परिवारों को मुख्यधारा में लाने का काम किया गया है। संजय झा के इन बयानों से स्पष्ट है कि वह एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख का समर्थन करते हैं। साथ ही, उन्होंने बिहार सरकार की महादलित विकास मिशन की पहल को भी सराहा, जिसने दलित समुदाय के सबसे पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। उनका मानना है कि इस तरह की योजनाओं और कानूनों से समाज के वंचित तबकों का समग्र विकास संभव है।
