बिहार में सितंबर तक रहेगी बालू की किल्लत : बढ़ेगें दाम, अवैध खनन और कालाबाजारी पर सरकार सख्त
पटना, (राज कुमार)। प्रदेश में इन दिनों बरसात के मौसम में बालू के खनन पर रोक लगा दी गई है जिसके बाद अब प्रदेश में बालू की भारी कमी की समस्या उत्पन्न होने जा रही है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में बालू किल्लत बढ़ेगी जिसके बाद प्रदेश में बालू की कीमतें आसमान छू सकती हैं वहीं अब बालू का अवैध खनन और कालाबाजारी रोकने के लिए भी बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जानकारी के मुताबिक बीते 1 जून से बिहार में बालू के खनन पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रोक लगा दी गई है जिसके बाद बालू का अवैध खनन और बालू माफिया प्रदेश में सक्रिय हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश हर साल बरसात के मौसम में जारी होता है और बरसात के मौसम में नदियों से कटाव रोकने के लिए 4 महीने तक बालू के खनन पर रोक लगा दी जाती है। वही अब इसके बाद सूबे में घर बनाना और महंगा हो सकता है। क्योंकि अगले चार महीने तक यहां बालू का खनन होने की संभावना नहीं दिख रही है।
जानकारी के अनुसार, खनन एवं भूतत्व विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक राज्य के घाटों पर बालू की उपलब्धता का सर्वे तो करा लिया है, मगर अभी उसके आधार पर बालू घाटों की बंदोबस्ती कर खनन कार्य शुरू कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका है। इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी लेनी होगी। इस तरह जून खत्म होने के साथ ही नदियों के बालू घाटों पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) का आदेश लागू हो जाएगा। इसके नियमों के तहत तीन महीने यानी एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू का खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। जानकारी के मुताबिक इसके बाद भी एक अक्टूबर से नदियों से बालू निकालने की इजाजत सरकार दे देगी, इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है। लिहाजा मध्य अक्टूबर से पहले बाजार में वैध तरीकों से नदियों का बालू नहीं आ सकेगा। दूसरी ओर, विभाग का दावा है कि उसके पास सभी जिलों में बालू का पर्याप्त स्टॉक है। लगभग 16 करोड़ सीएफटी (घनफीट) बालू भंडार में है। विभाग का यह मानना है कि राज्य में बालू की औसतन खपत 4 से 5 करोड़ घनफीट प्रति माह है। इस लिहाज से बालू की कमी तो नहीं होनी चाहिए। वही अब इसका फायदा अवैध रूप से बालू का भंडारण करने वाले और खनन माफिया उठा रहे हैं।