बिहार में चार महीनो तक बालू खनन लगी रोक, मानसून को लेकर एनजीटी का आदेश जारी

पटना। बिहार में अगले चार महीनों के लिए बालू खनन पर रोक लगा दी गई है, जिससे लोगों को बालू की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते बालू की कीमतें बढ़ने और ब्लैक मार्केटिंग की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। सरकार ने बालू माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए सभी जिलों के एसपी को सख्त निर्देश दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मानसून को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। बिहार में 15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू का खनन पूरी तरह बंद रहेगा। राज्य के खान निदेशक ने आदेश जारी कर सभी जिलों के एसपी को पत्र भेजा है। एनजीटी के इस आदेश का उद्देश्य पर्यावरण को नुकसान से बचाना है। राज्य खनन निदेशक ने सभी जिलों के एसपी को आदेश दिया है कि बालू घाटों से खनन या उठाव किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए। इस निर्देश का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही बालू विक्रेता और स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक बढ़ाने में जुट गए हैं। एसपी को दिए गए आदेश में यह भी कहा गया है कि बालू की ब्लैक मार्केटिंग न हो और इसकी कीमतें मार्केट में न बढ़ें, इस पर भी कार्रवाई की जाए। मानसून के दौरान हर साल बालू खनन पर रोक लगाई जाती है और इस बार भी यही आदेश जारी किया गया है। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि बालू की ब्लैक मार्केटिंग किसी भी सूरत में न हो। जिन लोगों का निर्माण कार्य चल रहा है, खासकर सरकारी संस्थानों में, उन्हें उचित मात्रा और उचित कीमत पर बालू उपलब्ध कराया जाए ताकि खनन माफिया आम लोगों का शोषण न कर सके। इस बीच, बिहार के बेतिया से बालू माफिया के गुर्गों द्वारा पुलिस टीम पर हमले की खबर भी आई है। पुलिस को सूचना मिली थी कि ट्रैक्टर से अवैध तरीके से बालू की ढुलाई हो रही है। पुलिस ने पीछा करते हुए एक आरोपी को हिरासत में ले लिया। लेकिन पुलिस को देख माफिया के गुर्गे भड़क गए और उन्होंने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में एक दरोगा की दो उंगलियां काट दी गईं, जिनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। बालू खनन पर इस प्रतिबंध के दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी और निजी निर्माण कार्यों में बाधा न आए और आवश्यकतानुसार बालू की आपूर्ति हो सके। साथ ही, बालू माफियाओं की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखनी होगी ताकि वे अवैध खनन और ब्लैक मार्केटिंग न कर सकें।
