छठ मनाने मुंगेर पहुंची हैं एवरेस्ट फतह करने वाली संतोष यादव

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छठ लोक आस्था का पर्व है। हर जगह छठ गीतों की गूंज है। लोक आस्था के इस महापर्व पर ऐसे कई लोग सामने आए हैं जिनकी आस्था यह यह बताती है कि आखिर छठ महापर्व क्यों है। मांउट एवरेस्ट की उंचाई को लांघ जाने वाली महिला पर्वतारोही इस महापर्व पर मुंगेर पहुंची है। पद्मश्री सम्मान से सम्मानित तीन बार माउंट एवरेस्ट विजेता हरियाणा की बेटी और बिहार की बहू महिला पर्वतारोही संतोष यादव लगातार पांचवें साल छठ करने मुंगेर पहुंची हैं.संतोष यादव ने कहा कि वैसे तो मैं 1991 से लगातार छठ के मौके पर दिल्ली में अर्घ्य अर्पण करती रही हूं, पर वर्ष 2013 में अर्घ्य देते समय स्वत: अंदर से छठ करने की इच्छा उनके मन में आई

. सोचने लगी कि यह कैसे संभव हो पाएगा?इसी उधेड़बुन में तब से थी. वर्ष 2014 के 23 अक्टूबर को अचानक सासू मां का फोन आया. सासू मां ने फोन पर कहा कि बहू तुम आ जाओ और छठ की जिम्मेदारी संभालो. अब मैं बूढ़ी हो चुकी हूं. वह सुन मुझे जो सुकून मिला उसका वर्णन नहीं कर सकती हूं. तभी से लगातार मुंगेर आकर छठ कर रही हूं. आगे कहा कि छठ पर्व पूरी तरह समर्पण भाव का पर्व है. इसमें किसी भी तरह की गलती क्षमा योग्य नहीं है. आज पूरी सृष्टि भगवान भास्कर के ईद-गिर्द है. पूरे परिवार व समाज के लिए इस परंपरा को निभाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. क्योंकि पूरा परिवार व समाज सुरक्षित रहे, इसी मनोकामना के साथ यह पर्व किया जाता है.

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