February 23, 2025

1984 सिख दंगों में पूर्व सांसद सज्जन कुमार दोषी करार, 41 साल बाद आया फैसला, 18 को सजा का ऐलान

नई दिल्ली। सिख दंगा केस में दिल्ली की अदालत ने बुधवार को पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट 18 फरवरी को सजा सुनाएगी। 41 साल बाद मामले में फैसला आया है। यह 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार में दो सिखों की हत्या का केस है। 1 नवंबर को 1984 में पश्चिमी दिल्ली के राज नगर पार्ट-1 में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे। दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में इस मामले में केस दर्ज किया गया था। इससे पहले दिसंबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन्हें हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया था। पहले से ही वे तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं। सज्जन कुमार के खिलाफ दंगा, हत्या और डकैती के आरोप में आईपीसी की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत केस दर्ज किया गया था। 31 जनवरी 2025 को हुई सुनवाई में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार पर फैसला टाल दिया था। इससे पहले 8 जनवरी को भी फैसला टाला गया था। दोनों बार विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की कोर्ट में तिहाड़ में बंद सज्जन कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुआ था। दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी। ट्रायल में सज्जन कुमार को दोषी माना गया था। इसके बाद उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। जुलाई 2010 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद, पेरु, कुशल सिंह और वेद प्रकाश के खिलाफ 3 लोगों की हत्या के मामले में आरोप तय किया था। सुल्तानपुरी दंगे में सीबीआई की एक अहम गवाह चाम कौर ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे। 13 साल बाद 20 सितंबर, 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार सहित अन्य आरोपियों को इस मामले में बरी कर दिया था। दंगों के 21 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था- जो कुछ भी हुआ, उससे उनका सिर शर्म से झुक जाता है।

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