हाजीपुर में मुकेश सहनी ने सीएम को बताया बीमार, कहा- उन्होंने अपमान नहीं किया बल्कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं

हाजीपुर। हाजीपुर में आयोजित श्री सद्गुरु जागु संतसमागम कार्यक्रम के दौरान बिहार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा बयान दिया। इस कार्यक्रम में बिहार और नेपाल समेत कई अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में संत और श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान प्रवचन और भक्ति संगीत का आयोजन भी किया गया। मुकेश सहनी ने हाल ही में हुए राष्ट्रगान विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान का अपमान नहीं किया है, बल्कि उनकी तबीयत खराब थी। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि बढ़ती उम्र के कारण मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, और इसी वजह से राष्ट्रगान के समय हुई गलती को अपमान नहीं कहा जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो इसे अपमान के रूप में देखा जाएगा, लेकिन यदि वे मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं, तो इसे केवल एक गलती मानी जाएगी।
मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़ने की अपील
पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे अब अपनी कुर्सी छोड़ दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की बढ़ती उम्र और बिगड़ती सेहत के कारण बिहार की कानून व्यवस्था कमजोर हो रही है। इसके कारण राज्य के विकास और युवाओं के भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। मुकेश सहनी ने कहा कि किसी भी राज्य के लिए एक मजबूत और निर्णय लेने में सक्षम नेतृत्व जरूरी होता है, लेकिन जब कोई नेता शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है, तो उसे स्वेच्छा से अपनी जिम्मेदारी से हट जाना चाहिए।
राज्य की वर्तमान स्थिति
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में हाल के वर्षों में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है। अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं और विकास कार्य भी धीमा पड़ गया है। उन्होंने कहा कि एक कुशल और ऊर्जावान नेतृत्व ही राज्य को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे स्वयं स्थिति का आकलन करें और उचित निर्णय लें ताकि बिहार को नई दिशा मिल सके। श्री सद्गुरु जागु संतसमागम कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। संतों और विद्वानों ने अपने प्रवचनों के माध्यम से समाज को आध्यात्मिकता और नैतिकता की सीख दी। भक्ति संगीत के आयोजन ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना था। मुकेश सहनी के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री की सेहत और बिहार की राजनीतिक स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान पर मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी की क्या प्रतिक्रिया आती है।

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