कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस हादसे का शिकार, 25 डब्बे पटरी से उतरे, जांच जारी
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार देर रात साबरमती एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। 25 डिब्बे डिरेल हुए हैं। ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी। यह हादसा कानपुर शहर से करीब 11 किलोमीटर दूर, भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के बीच, रात 2:35 बजे हुआ। साबरमती एक्सप्रेस वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, हालांकि कुछ यात्री घायल हुए हैं। दुर्घटना के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, और यात्रियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, ट्रेन का इंजन पटरी पर रखी किसी भारी वस्तु से टकराया, जिसके कारण यह हादसा हुआ। इंजन पर टकराने के निशान मिले हैं और सबूतों को सुरक्षित रखा गया है। घटना की जांच के लिए आईबी और यूपी पुलिस के साथ ही रेलवे की टीम भी जुटी हुई है। नॉर्दन सेंट्रल रेलवे के जीएम उपेंद्र चंद्र जोशी ने पुष्टि की कि हादसा किसी चीज से इंजन के टकराने के कारण हुआ है, हालांकि मौके पर कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। हादसे के दौरान ट्रेन की स्पीड कम थी क्योंकि वह कानपुर स्टेशन से थोड़ी देर पहले ही गुजरी थी, जिससे हादसे की तीव्रता कुछ कम हो गई। हालांकि, इस हादसे के कारण पटरियों को काफी नुकसान पहुंचा, और लोहे की क्लिप्स दूर जा गिरीं। घटनास्थल पर पटरियां उखड़ गईं, और आसपास के क्षेत्र में रेलवे ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कानपुर से बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश जाने वाली 16 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि 10 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं। जीएम जोशी ने आश्वासन दिया है कि अगले 24 घंटे में ट्रैक को साफ कर दिया जाएगा और रेल यातायात सामान्य हो जाएगा। हादसे के बाद से इस रूट से गुजरने वाली अन्य ट्रेनों को रोक दिया गया है, जिससे यात्री काफी परेशान हैं। पतारा स्टेशन पर गरीब रथ एक्सप्रेस करीब चार घंटे तक खड़ी रही, और यात्रियों ने रेलवे पर सही सूचना न देने का आरोप लगाया। कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार भी मौके पर पहुंच गए हैं और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। हादसे की जांच के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि पटरी पर रखे एक धातु के टुकड़े से यह हादसा हुआ। पुलिस की टीम घटनास्थल के आसपास के लोगों से भी पूछताछ कर रही है। घटनास्थल पर पहुंचने में कठिनाई होने के कारण क्रेन और बुलडोजर की मदद से रास्ता साफ किया जा रहा है ताकि बचाव कार्य में कोई रुकावट न आए। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद कर रहे हैं। आसपास के गांव के निवासी रामखेलावन ने बताया कि रात को एक जोरदार आवाज सुनाई दी, जिसके बाद वह मौके पर पहुंचे और देखा कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। रेलवे ने यात्रियों की सहायता के लिए मौके पर व्यवस्थाएं करने का दावा किया है, लेकिन यात्रियों को इनसे काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस अब तक की जांच में यह मान रही है कि हादसा किसी भारी वस्तु के इंजन से टकराने के कारण हुआ है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। जांच दल अन्य ट्रेनों के ड्राइवरों से भी पूछताछ कर रहा है ताकि इस मामले में और जानकारी प्राप्त की जा सके।