ब्रिस्बेन टेस्ट में फिर से ओपनिंग करेंगे रोहित शर्मा, मिडिल ऑर्डर में पारी संभालते नजर आएंगे केएल राहुल
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- भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला…आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप दाव पर…टीम में होंगे कई बदलाव
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा 14 दिसंबर से ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में ओपनिंग करते नजर आएंगे। यह मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज का तीसरा और बेहद महत्वपूर्ण मैच है, क्योंकि भारत को इस टेस्ट मैच में जीत दर्ज करना अनिवार्य है। यदि टीम यह मुकाबला हारती है तो वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की दौड़ से बाहर हो जाएगी।
रोहित शर्मा की वापसी और नई भूमिका
रोहित शर्मा ने इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच नहीं खेला था। उनकी अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह ने टीम की कप्तानी की और केएल राहुल ने पारी की शुरुआत की थी। पर्थ टेस्ट में केएल राहुल की बल्लेबाजी अच्छी रही, जिसके चलते दूसरे टेस्ट मैच में भी उन्होंने ओपनिंग की, जबकि टीम में वापसी करने के बाद रोहित ने मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी की। हालांकि, ब्रिस्बेन टेस्ट में रोहित एक बार फिर ओपनिंग करते हुए दिख सकते हैं।
केएल राहुल का मिडल ऑर्डर में होगा स्थानांतरण
ब्रिस्बेन टेस्ट में केएल राहुल मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर सकते हैं। टीम प्रबंधन ने इस बदलाव का संकेत दिया है, ताकि पारी में स्थिरता लाई जा सके। यशस्वी जायसवाल को रोहित के साथ ओपनिंग की जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। नेट प्रैक्टिस के दौरान रोहित को नई गेंद से अभ्यास करते हुए देखा गया है, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह ओपनिंग के लिए तैयार हैं।
प्लेइंग इलेवन में बदलाव की संभावना
टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में कई बदलाव देखे जा सकते हैं। रविचंद्रन अश्विन की जगह वाशिंगटन सुंदर या रविंद्र जडेजा को मौका मिल सकता है। वहीं, तेज गेंदबाज हर्षित राणा के स्थान पर किसी नए तेज गेंदबाज को टीम में शामिल किया जा सकता है। भारतीय टीम प्रबंधन गाबा की पिच और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंतिम 11 का चयन करेगा।
रोहित का टेस्ट करियर
रोहित शर्मा ने अब तक 65 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 4279 रन बनाए हैं। उनके नाम 12 टेस्ट शतक दर्ज हैं। उनका अनुभव और लीडरशिप भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। ओपनिंग की बात करें तो रोहित ने 42 टेस्ट मैचों में पारी का आगाज किया है और इस दौरान उनका औसत करीब 44 रहा है, वहीं नंबर छह पर उनका औसत करीब 50 का रहा है। नंबर छब पर बैटिंग करते हुए रोहित ने तीन शतक लगाए हैं, जबकि ओपन करते हुए उनके खाते में 9 टेस्ट शतक दर्ज हैं। कप्तानी की बात करें तो रोहित का आंकड़ा काफी औसत दर्जे का रहा है।
टीम की तैयारी और महत्व
ब्रिस्बेन टेस्ट भारतीय टीम के लिए करो या मरो की स्थिति जैसा है। कप्तान रोहित शर्मा और उनकी टीम हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि यह मुकाबला जीतकर भारत WTC फाइनल की दौड़ में बना रह सके। रोहित की कप्तानी में भारत ने कुल 22 टेस्ट मैच खेले हैं। कप्तानी के दौरान रोहित की बैटिंग काफी औसत रही है। उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में 32.42 के मामूली औसत से 1973 रन ही बनाए हैं। बतौर कप्तान रोहित के बैट से महज चार ही टेस्ट शतक आए हैं। रोहित के ओपन करने का मतलब होगा कि केएल राहुल एक बार फिर मिडिल ऑर्डर में बैंटिंग करने आ सकते हैं।
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