रोहिणी का सम्राट पर हमला, कहा- पगड़ी बांधने से लेकर सर मुंडवाया, फिर भी नहीं बची अध्यक्ष की कुर्सी
पटना। बिहार भाजपा में एक बड़ा फेरबदल हुआ है। पार्टी ने 16 महीने से प्रदेश अध्यक्ष पद पर काबिज सम्राट चौधरी को हटाकर डॉ. दिलीप जायसवाल को नई जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा के इस निर्णय के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जहां एक तरफ बीजेपी के नेता नए प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को बधाई दे रहे हैं, वहीं राजद नेता सम्राट चौधरी पर हमलावर हो गए हैं। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने सम्राट चौधरी पर तीखा प्रहार किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रोहिणी ने सम्राट चौधरी पर कटाक्ष करते हुए लिखा है, “सिर भी मुंडवाना पड़ा, पगड़ी भी उतारनी पड़ी, अब अध्यक्षता भी गयी। अब हेकड़ी, लम्पटई, बदजुबानी, बड़बोलेपन का बचा खुचा भूत भी उतर जाएगा, जब जल्द ही मंत्रिपद भी छिन जाएगा। रोहिणी ने अपने पोस्ट में सम्राट चौधरी के उस बयान की भी याद दिलाई है जो उन्होंने रोहिणी आचार्या को सारण लोकसभा सीट पर इंडिया ब्लॉक का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद दिया था। लालू यादव ने अपनी बेटी रोहिणी आचार्या को बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ सारण सीट पर आरजेडी का टिकट दिया था। तब सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर सौदा करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि राजद सुप्रीमो ने बेटी को भी नहीं छोड़ा। किडनी लेने के बाद भी बेटी को टिकट दे दिया। रोहिणी ने अपने पोस्ट में लिखा है, “पाक-पावन रिश्तों पर ओछी टिप्पणी करने वालों, बुजुर्गों के प्रति बदनियती रखने वालों के साथ बुरा ही होता है। परमपिता परमेश्वर सब देखता है। सम्राट चौधरी वर्तमान में बिहार सरकार में डिप्टी सीएम और वित्त समेत कई विभागों के मंत्री हैं। रोहिणी का दावा है कि अध्यक्ष पद के बाद अब सम्राट चौधरी से मंत्री पद भी छीन लिया जाएगा। भाजपा के इस निर्णय से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। सम्राट चौधरी को हटाकर डॉ. दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। राजद नेता इसे भाजपा की आंतरिक कलह का परिणाम बता रहे हैं, जबकि भाजपा नेता इसे संगठन में सुधार की दिशा में उठाया गया कदम मान रहे हैं। सम्राट चौधरी पर रोहिणी का हमला न केवल व्यक्तिगत बल्कि राजनीतिक रूप से भी गंभीर माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सम्राट चौधरी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और भाजपा की ओर से इस पर क्या बयान आता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से भाजपा और राजद के बीच की खाई और गहरी हो सकती है। बिहार की राजनीति में यह बदलाव आने वाले चुनावों में क्या रंग लाएगा, यह देखना अभी बाकी है। रोहिणी का यह बयान स्पष्ट करता है कि बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत हमले और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहेगा। यह बयान न केवल सम्राट चौधरी बल्कि पूरी भाजपा के लिए एक चुनौती है।