December 21, 2024

रोहिणी आचार्य का सीएम नीतीश पर हमला, कहा- ये कैसी विडंबना, चाचा के लोग ही उनपर सवाल उठा रहे हैं

पटना। बिहार की सियासत में हाल ही में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने हलचल मचा दी। इस पोस्ट में उन्होंने बढ़ती उम्र का जिक्र किया, जिसे लेकर कयास लगाए जाने लगे कि उनका इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था। हालांकि, चौधरी ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उनका पोस्ट नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं था, लेकिन तब तक बिहार की राजनीति में यह विषय चर्चा का मुख्य बिंदु बन चुका था। इस पूरे घटनाक्रम के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी और सक्रिय राजनीतिक हस्ती रोहिणी आचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला। रोहिणी, जो सारण लोकसभा सीट की संभावित उम्मीदवार हैं, ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने सीएम नीतीश की “लाचारी” और उनकी पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को लेकर तंज कसा।रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में लिखा, “चाचा जी के यहां सिर-फुटव्वल जारी है। विडंबना तो देखिए, अब तो चाचा जी की ही बढ़ती उम्र पर उनके ही चहेते प्यादे के द्वारा उठाया गया सवाल बड़ा भारी है।” उन्होंने इस पोस्ट के जरिए यह संकेत दिया कि नीतीश कुमार के करीबी लोग ही अब उन पर सवाल उठा रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो रही है। रोहिणी ने आगे लिखा कि “जुगाड़” की मदद से खड़े किए गए नीतीश कुमार के खेमे के बिखरने की बारी आ गई है और इस पूरी स्थिति पर नीतीश कुमार की चुप्पी उनकी लाचारी को दर्शाती है। यह घटना तब शुरू हुई जब अशोक चौधरी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए। एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए।” इस पोस्ट के बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या चौधरी का यह बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदर्भ में था, जो बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण और वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार, आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी समेत कई नेताओं ने चौधरी के इस बयान पर नाराजगी जताई। वहीं, आरजेडी के नेताओं ने भी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए चौधरी के बयान की आलोचना की। जदयू के भीतर भी इस पोस्ट को लेकर असंतोष की आवाजें उठीं। विवाद बढ़ने पर अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और मामले को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने एक्स हैंडल पर नीतीश कुमार के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान देना छोड़ दीजिए। मेरा नाता मेरा अभिमान। इस बयान के बाद भी बिहार की राजनीति में यह मामला ठंडा नहीं पड़ा। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर से नीतीश कुमार की पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान और उनके नेतृत्व को लेकर उठते सवालों को हवा दी है। विपक्षी दल इस घटना को मुख्यमंत्री के नेतृत्व की कमजोरी के तौर पर देख रहे हैं, वहीं जदयू के नेता इसे पार्टी के भीतर सामान्य घटनाक्रम के रूप में पेश कर रहे हैं। यह घटनाक्रम बिहार की आगामी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, खासकर जब चुनावी समीकरण फिर से बन रहे हैं। नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले नेताओं का इस प्रकार का बयान आना उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न करता है।

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