पटना सिटी में परिवार को बंधक बनाकर 50 लाख की डकैती, 6 अपराधियों ने वारदात को दिया अंजाम
- बच्चों के सर पर लगाया चाकू…हत्या की धमकी कैश और गहने लूटे…सदमे में परिवार
पटना। पटना सिटी के मेहंदीगंज इलाके में एक भयावह डकैती की घटना सामने आई है। मंगलवार देर रात नवनीत नगर में छह अपराधियों के गिरोह ने एक घर में घुसकर परिवार को बंधक बनाकर लगभग 50 लाख रुपये की ज्वेलरी और नकदी लूट ली। अपराधियों ने तीन वर्षीय बच्चे को हथियार के बल पर डराकर घर के अन्य सदस्यों को धमकाया और लूटपाट को अंजाम दिया। घटना मंगलवार देर रात की है, जब अपराधी विनोद कुमार यादव के घर पर पहुंचे। विनोद कुमार जमीन के कारोबार से जुड़े हुए हैं। परिवार की महिला सदस्य सविता देवी ने बताया कि आधी रात को छह अपराधियों ने मुख्य दरवाजे पर दस्तक दी। दरवाजा खोलते ही वे जबरदस्ती घर में घुस गए। अपराधियों ने परिवार के तीन साल के पोते को गोद में लेकर उसके सिर पर चाकू रख दिया और धमकी दी कि अगर कोई विरोध करेगा तो बच्चे की हत्या कर देंगे। इसके बाद, अपराधियों ने पूरे घर की तलाशी ली और गोदरेज व बक्सों में रखे गए सोने-चांदी के आभूषण और नकदी लूट ली। घटना के दौरान महिलाएं और बच्चे बुरी तरह से डरे हुए थे। अपराधियों ने कई बार धमकियां देकर परिवार को शांत रखा। डकैती के बाद पूरा परिवार सदमे में है। पीड़ित परिवार ने बुधवार को मेहंदीगंज थाने में घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के लिए डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अपराधियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।मेहंदीगंज थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि घर में चार अपराधी घुसे थे, जबकि बाहर कुछ और लोग निगरानी कर रहे थे। अपराधियों ने वारदात को पूरी योजना के तहत अंजाम दिया। घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। सविता देवी ने बताया कि घटना के वक्त पूरा परिवार अपराधियों के आतंक के साए में था। बच्चे की जान खतरे में देखकर वे कुछ भी करने में असमर्थ थे। अपराधियों ने उनकी ज्वेलरी और नकदी लूटकर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाया और मानसिक रूप से भी परेशान किया। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। डॉग स्क्वाड और एफएसएल टीम के साथ पुलिस ने घटनास्थल की जांच की। अपराधियों के सुराग जुटाने के लिए आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराध और असुरक्षा की भावना को भी उजागर करती है। पुलिस प्रशासन पर अब दबाव है कि जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए।