सम्राट चौधरी के पगड़ी खोलने पर राजद का तंज, कहा- राम की बात करने वाले डिप्टी सीएम भूल गए रघुकुल रीत

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 22 महीने बाद अपनी पगड़ी उतारी और अयोध्या की सरयू नदी में स्नान करने के लिए मुंडन कराया। इस कदम से बिहार में सियासी माहौल गरम हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी ने अपने कुल की मर्यादा को तार-तार कर दिया है। राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने सम्राट चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अयोध्या जाकर मुंडन कराया, लेकिन रघुकुल की रीत को भूल गए। यादव ने कहा, “सम्राट चौधरी ने भगवान राम की नगरी अयोध्या की सरयू नदी में स्नान किया, लेकिन एक बार भी रघुकुल रीत के बारे में नहीं सोचा। रघुकुल की रीत कहती है कि प्राण जाए पर वचन ना जाए। सम्राट चौधरी ने अपने वचन को भूलकर रघुकुल रीत की अनदेखी की है। शक्ति सिंह यादव ने यह भी याद दिलाया कि सम्राट चौधरी ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गद्दी से हटाने के बाद ही अपनी पगड़ी (मुरेठा) खोलेंगे। यह प्रतिज्ञा उन्होंने तब ली थी जब उनकी मां का स्वर्गवास हुआ था। यादव ने तंज कसते हुए कहा, “आज सम्राट चौधरी मीडिया के सामने उछल-उछल कर मुरेठा खोलकर मुंडन करा रहे थे और सरयू नदी में स्नान कर रहे थे। वे अपने वचन से मुकर गए हैं। राजद प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सम्राट चौधरी, जो खुद को लव-कुश समुदाय से जोड़ते हैं, रघुकुल की रीत को तोड़ने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने कहा, “जनता देख रही है कि सत्ता के लोभ में आजकल क्या-क्या हो रहा है, लोग क्या-क्या कर रहे हैं। ऐसा पहली बार दिखा जब अपने आपको रघुवंश कुल से जोड़कर देखने वाले लोग रघुकुल की रीत को तोड़ रहे हैं। गौरतलब है कि सम्राट चौधरी ने 22 महीने पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाने का संकल्प लेते हुए कहा था कि वे तभी अपनी पगड़ी उतारेंगे। लेकिन उन्होंने हाल ही में अयोध्या जाकर मुंडन कराया और सरयू नदी में डुबकी लगाई। इस कदम से उनके वचन और संकल्प पर सवाल उठने लगे हैं। सम्राट चौधरी के इस कदम ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। राजद के इस बयान से साफ है कि वे सम्राट चौधरी के इस कदम को उनकी राजनीति का हिस्सा मानते हैं और इसे जनता के सामने लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सम्राट चौधरी और उनके समर्थकों की क्या प्रतिक्रिया होती है।

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