भारतीय युवाओं में ज्यादा है दिल की बीमारियों का खतरा, जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत : डॉ. बलबीर
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पटना। कार्डियक विज्ञान के क्षेत्र में हालिया तरक्की ने कार्डियक रोगों के कुछ मामलों में तेज वृद्धि के बावजूद मरीजों को नया जीवन दिया है। हाल के दिनों में ओपन हार्ट सर्जरी के बगैर मरीज का आॅपरेशन करना न सिर्फ सबसे आधुनिक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, बल्कि सबसे जटिल मामलों में भी इससे सफल इलाज संभव हो गया है। इस तरह की आधुनिक चिकित्सा न सिर्फ मरीज का प्रभावी इलाज करने में मदद करती है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर बनाती है। उक्त बातें शनिवार को एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मैक्स हॉस्पिटल, साकेत में कार्डियक साइंसेज के चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह ने कहा।
उन्होंने बताया कि भारतीय युवाओं में दिल की बिमारियों का खतरा ज्यादा पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने हाल ही में विश्व का सबसे छोटा पेसमेकर माइक्रा एवी प्रत्यारोपित कर उत्तर भारत में सबसे पहली टीम बनने का श्रेय हासिल किया है। इस पेसमेकर की बैटरी लाइफ 15 साल रहती है, वजन सिर्फ 5 से 15 ग्राम होता है। उन्होंने सवाल के जवाब में बताया कि माइक्रा एवी पेसमेकर लगाने में कुल 12 लाख का खर्च आता है। बिहार से हर माह लगभग 350 मरीज दिल्ली एनसीआर आते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की तकनीक उपलब्ध होने के साथ लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है कि सबसे पहले दिल को स्वस्थ जीवन शैली के अनुकूल बनाया जाए और किसी भी लक्षण में संकोच या देरी न की जाए। इस मौके पर अस्पताल के जीएम संदीप शर्मा भी मौजूद थे।
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