प्रदेश में कड़ाके की ठंड से बढ़ा ब्रेन हेमरेज का खतरा, पटना में 29 मरीज भर्ती, रहे सावधान
पटना। ठंड का मौसम स्वास्थ्य के लिए कई तरह की चुनौतियाँ लेकर आता है, खासकर कड़ाके की ठंड में। ब्रेन हेमरेज (मस्तिष्क आघात) का खतरा सर्दियों में बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड के कारण रक्तचाप में अचानक वृद्धि हो सकती है। उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण है। पटना में 29 मरीज ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती हुए हैं। यह संख्या चिंताजनक है और स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है। अत्यधिक ठंड से हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ठंड में रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे खून का थक्का बनने और ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है। सरकार और स्वास्थ्य सेवाओं को भी इस मौसम में जागरूकता फैलाने और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है। आईजीआईएमएस के कार्डियोथोरेसिक विभाग की ओपीडी में जितने मरीज आ रहे हैं, उनमें 60 फीसदी हार्ट अटैक की शिकायत वाले रहते हैं। संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि ठंड से सीने में दर्द और हार्ट अटैक की शिकायत हो रही है। बुधवार को शाम तक यहां ब्रेन हेमरेज के पांच मरीज भर्ती हो चुके थे। यहां अभी इसके 29 मरीज भर्ती हैं। वहीं, पीएमसीएच में ब्रेन हेमरेज के 16 मरीज भर्ती हैं। खासकर पिछले तीन दिनों से अचानक ठंड बढ़ने से अस्पतालों में सदीं, खांसी, निमोनिया और सांस संबंधित बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। पीएमसीएच के। शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी से लेकर वार्ड में 70 प्रतिशत बच्चे निमोनिया, सांस में तकलीफ, खांसी व कोल्ड डायरिया से पीड़ित होकर भर्ती कराये गये हैं। यहां कुल 110 बच्चे भर्ती हैं। हथुआ वार्ड व गुजरी वार्ड में भर्ती मरीजों में छाती में दर्द, उल्टी-दस्त आदि की शिकायत ज्यादा है।