February 23, 2025

बिहार सरकार का बड़ा फरमान, मठ-मंदिर की जमीन बेचने का अधिकार होगा समाप्त, होंगें केवल धार्मिक कार्य

पटना। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने कहा कि मठ-मंदिर की जमीन के मालिक वहां के भगवान ही होंगे। वहां की जमीन महंत या सेवादार के नाम से नहीं होगी। सोमवार को विधान परिषद में राजस्व एवं भूमि सुधार, वाणिज्य-कर एवं वित्त विभाग के बजट पर वाद-विवाद के दौरान उन्होंने कहा कि मठ-मंदिर की जमीन बेचने का अधिकार भी समाप्त किया जाएगा। कोई भी महंत या सेवादार जमीन नहीं बेच सकेंगे। जो जमीन बेची जा रही है उसे वापस लिया जाएगा। सरकार इसको लेकर जल्द ही कानून में संशोधन लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि हम यह भी व्यवस्था करने जा रहे हैं कि मठ-मंदिरों की जमीन पर सिर्फ धार्मिक काम ही होगा। दूसरे किसी कार्य के लिए वहां की जमीन का इस्तेमाल नहीं हो सकता। मठ-मंदिरों के साथ वक्फ बोर्ड की जमीन भी सरकार देखेगी। कहा कि बिहार देश का पहला राज्य होगा, जहां नक्शा मंगाने की ऑनलाइन व्यवस्था होगी। देश या विदेश कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन कर नक्शे की प्रति मंगाई जा सकेगी।

भूमिहीन के लिए खरीदी जाएगी जमीन

राम सूरत राय ने कहा कि भूमिहीन गरीबों के लिए जहां जमीन उपलब्ध नहीं है वहां सरकार एमवीआर रेट पर किसानों से जमीन खरीदेगी और उसे गरीबों के बीच बांटा जाएगा। आवेदक द्वारा वंशावली को खुद अटेस्टेड कर ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा। अब सभी अंचल कार्यालयों में नक्शे की दो-दो प्रति पहुंचा दी गई है। इस संबध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद में कहा कि सर्वे सेटलमेंट का काम पूरा होगा, तभी भूमि विवाद के मामले घटेंगे। राज्य सरकार इसके लिए फ्रेश सर्वे सेटलमेंट करा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के बजट पर वाद-विवाद के दौरान राजद सदस्य रामचंद्र पूर्वे के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं। जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने वाद-विवाद के दौरान कहा कि पटना में एक परिवार के पास 43 बीघा से अधिक जमीन। इसकी कीमत 396 करोड़ है। फुलवारी, दानापुर और बिक्रम इलाके में जमीन के होने की बात कहते हुए विधान पार्षद ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि बुलडोजर चलाइए, ताकी मॉल और अपार्टमेंट सब जमींदोज हो जाए।

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