मुख्यमंत्री की सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक: धान अधिप्राप्ति की योजनाओं का लिया जायजा, दिए सख्त निर्देश
- मुख्यमंत्री बोले, किसानो की मदद को सरकार तत्पर, अधिप्राप्ति कार्य में ना हो कोई ढिलाई
पटना। दिवाली के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित अपने आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिसमें सहकारिता और खाद्य आपूर्ति विभाग की कई योजनाओं और विशेष रूप से धान अधिप्राप्ति से जुड़े मुद्दों का गहन समीक्षा की गई। बैठक में सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार और विभागीय सचिवों समेत कई उच्च अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में राज्य में धान अधिप्राप्ति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य और धान अधिप्राप्ति की अवधि
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने मुख्यमंत्री के सामने धान अधिप्राप्ति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस वर्ष खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के तहत सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। वहीं, धान अधिप्राप्ति की अवधि 1 नवंबर 2024 से लेकर 15 फरवरी 2025 तक तय की गई है। सरकार ने इस सत्र में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा है, जिसे चरणबद्ध तरीके से हासिल किया जाएगा। इस बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या अब 360 हो गई है, जिससे धान के प्रसंस्करण और भंडारण का कार्य कुशलता से किया जा सकेगा।
जिलावार धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य और चरणबद्ध प्रक्रिया
सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने धान अधिप्राप्ति की कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी और बताया कि पहले चरण में राज्य के 19 जिलों में अधिप्राप्ति का कार्य आज से शुरू कर दिया गया है, जबकि शेष जिलों में यह प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार हर जिले के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए ताकि जिलावार उचित प्रबंधन किया जा सके और किसानों को लाभ मिले।
किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि किसानों को अधिप्राप्ति प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि धान अधिप्राप्ति के दौरान सभी प्रक्रियाएँ सुगम और पारदर्शी हों। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता पर कड़ी नजर रखी जाए। गड़बड़ करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसानों की मदद करने के लिए सरकार हमेशा तत्पर है और अधिप्राप्ति कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कृषि क्षेत्र के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और सहकारिता विभाग का योगदान
बैठक में मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के योगदान की सराहना की और कहा कि विभाग राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहा है। किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य दिलाने और बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए सरकार की तरफ से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष की खरीफ विपणन योजना के तहत किए गए सुधारों के कारण किसानों को लाभ मिलेगा।
उपस्थिति और बैठक का निष्कर्ष
इस बैठक में सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक का निष्कर्ष यह रहा कि सरकार, सहकारिता विभाग के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक सुधार की ओर अग्रसर है, जिसमें किसानों के उत्पाद को सही मूल्य देने और खरीफ विपणन योजना के तहत धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक पूरा करने के प्रयासों को बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देश दिया कि धान अधिप्राप्ति के कार्य को व्यवस्थित, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि किसानों को उनके उत्पाद का लाभ शीघ्र मिल सके।