सरकार कोर्ट के आदेश का सम्मान करेगी, स्थिति स्पष्ट होने तक ट्रांसफर पोस्टिंग स्थगित रहेगी : शिक्षा मंत्री
पटना। हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार की नई ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति पर अस्थायी रूप से रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सरकार न्यायालय के आदेश का पूरा सम्मान करती है और जब तक शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट नहीं होगी, तब तक ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया स्थगित रहेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर स्थानांतरण नीति में बदलाव किए जा सकते हैं। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग की प्रक्रिया को लेकर चल रही नई नीति पर सवाल उठाते हुए इस पर रोक लगाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। कोर्ट के इस आदेश के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट किया कि सरकार कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है और उसकी गाइडलाइंस के अनुसार ही आगे की कार्रवाई करेगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि फिलहाल शिक्षकों की मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जिन शिक्षकों की नियुक्ति जहां हुई है, वे वहीं कार्यरत रहेंगे। ट्रांसफर और पोस्टिंग प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
सक्षमता परीक्षा के बाद ही ट्रांसफर
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन को सक्षमता परीक्षा के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है। यह परीक्षा पांच चरणों में आयोजित की जाएगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य शिक्षकों की योग्यता और प्रदर्शन का मूल्यांकन करना है, ताकि सही शिक्षक सही स्थान पर नियुक्त किए जा सकें। मंत्री ने यह भी कहा कि इस परीक्षा के बाद ही स्थानांतरण प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाएगा। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, शिक्षकों की वर्तमान स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
स्थानांतरण नीति में संभावित बदलाव
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो सरकार स्थानांतरण नीति में बदलाव करने पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के हित और उनकी कार्यक्षमता को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत हो।
शिक्षा व्यवस्था पर असर
ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति पर रोक से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर अस्थायी प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि शिक्षकों की मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा, जिससे स्कूलों में पठन-पाठन की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। यह कदम शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान कई बार शिक्षक और स्कूलों के बीच सामंजस्य की समस्या उत्पन्न होती है। नई नीति के तहत सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता न हो।
ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति से सरकार का उद्देश्य
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारना और इसे अधिक प्रभावी बनाना है। इसके लिए शिक्षकों की सक्षमता और उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सरकार अपनी नीतियों में सुधार करेगी। पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार में ट्रांसफर और पोस्टिंग प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए शिक्षकों की स्थिति को स्थिर रखा जाएगा। साथ ही, सक्षमता परीक्षा और स्थानांतरण नीति में आवश्यक बदलावों के बाद ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। यह कदम न केवल शिक्षकों के हित में है, बल्कि राज्य की शिक्षा प्रणाली को भी बेहतर बनाएगा।