December 16, 2024

इंडोनेशिया से पॉम ऑयल बंद : पटना में रिफाइन की कीमत दस रुपये लीटर तक बढ़ी, रेस्टोरेंटों में खाना होगा महंगा

पटना। रूस-यूक्रेन संकट के बाद अब इंडोनेशिया के निर्यात बंद करने के निर्णय से पटना के बाजार में रिफाइन के दाम में इजाफा होने लगा है। इंडोनेशिया ने पॉम ऑयल निर्यात पर 28 अप्रैल से रोक लगायी है। इस फैसले का प्रभाव पटना के थोक और खुदरा बाजार पर दिखने लगा है। गुरुवार को पटना की थोक मंडी में रिफाइन की कीमत में 120 रुपये पैकेट की बढ़ोतरी हुई। मतलब रिफाइन के थोक मूल्य में दस रुपये लीटर बढ़ोतरी हो गई है। वही बीते दो दिनों में दस रुपये लीटर की तेजी रिफाइन तेल में आयी है। खुदरा बाजार में गुरुवार को रिफाइन की कीमत 180 रुपये से 190 रुपये लीटर पहुंच गयी। इसके साथ साथ पटना के बाजार में लगभग सभी ब्रांडेंड कंपनियों के रिफाइन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं 15 लीटर रिफाइन टिन की कीमत 2600 रुपये हो गई। बिहार राज्य खुदरा विक्रेता संघ के सचिव रमेश तलरेजा के अनुसार, रिफाइन के साथ-साथ सरसों तेल समेत अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी बढ़ोतरी की संभावना है।
300 टन की आवक प्रभावित, बाज़ारों में पॉम आयल की भारी किल्लत
तेल और रिफाइन कारोबारी पवन कुमार बजोरिया के अनुसार, इंडोनेशिया से पॉम ऑयल निर्यात पर पाबंदी का बिहार के बाजार पर व्यापक असर पड़ेगा। केवल मिथिलांचल (दरभंगा-मधुबनी) में 25 टन की खपत है। पटना में प्रतिदिन 20 ट्रक से ज्यादा की खपत का अनुमान है। जानकारी के अनुसार, एक ट्रक में 15 टन से ज्यादा माल लोड होता है। ऐसे में केवल पटना में लगभग तीन सौ टन पॉम ऑयल की आवक प्रभावित हो रही है। पॉम ऑयल इंडोनेशिया-मलेशिया से कोलकाता पोर्ट पर उतरता है। इसके बाद ट्रक से पटना के बाजार में पहुंचता है।
2 साल में 100 रु. लीटर की बढ़ोतरी
रिफाइन के दाम में बीते दो सालों में दो गुना से ज्यादा यानी करीब सौ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। दिसंबर 2020 में पटना के बाजार में रिफाइन 92 रुपये से 135 रुपये लीटर के बीच था। मार्च 2021 में इसकी कीमतें बढ़कर 135 रुपये से 150 रुपये लीटर, फरवरी 2022 में इसकी कीमत 160 रुपये लीटर और अप्रैल में इसकी कीमत बढ़कर 180 से 190 रुपये लीटर के बीच पहुंच गयी है।
रेस्टोरेंटों और होटलों पर पड़ेगा असर
पॉम ऑयल का इस्तेमाल खाद्य तेल के रूप में पटना के होटलों, स्ट्रीट फूड वेंडरों और रेस्टोरेंटों में खूब होता है। इसकी किल्लत होने और कीमत बढ़ने का सीधा असर फुटपाथी दुकानदारों से लेकर रेस्टोरेंटों तक में पड़ेगा। खाद्य तेल के अलावा पॉम ऑयल का इस्तेमाल नूडल्स, बिस्कुट, केक, मेयोनीज, चिप्स, साबुन, हेयर व स्किन केयर उत्पाद आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा पॉम ऑयल की 20 प्रतिशत तक मिलावट सरसों तेल में होता है। पॉम ऑयल की कीमत बढ़ने से इन चीजों की कीमतों में भी वृद्धि की आशंका जतायी जा रही है।

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