साइड इफेक्ट्स-रीगा चीनी मिल प्रबंधन ने अपने 600 कर्मियों को ‘नो वर्क नो पे’ के आधार पर नोटिस जारी किया
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पटना।कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के मद्देनजर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के साइड इफेक्ट अब दिखने आरंभ हो गए हैं।बिहार के सीतामढ़ी जिले में रीगा चीनी मिल के प्रबंधन ने अपने छह सौ कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक रीगा चीनी मिल प्रबंधन ने इस संबंध में नोटिस भी जारी कर दिया है।फिलहाल अगले दो महीने तक के लिए अपने कर्मियों से काम न लेने की बात कही गई है।इतना ही नहीं उक्त नोटिस को प्रबंधन द्वारा नो वर्क नो पे के आधार पर कर्मियों को भेजा गया है। सीतामढ़ी रीगा मिल के प्रबंधन के द्वारा जारी इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि नोटिस में उल्लेखित अवधि को आगे बढ़ाया भी जा सकता है। हालांकि रीगा चीनी मिल प्रबंधन काफी लंबे अरसे से घाटे में चलने का दावा कर रही है।ऐसे में लॉक डाउन की इस कठिन परिस्थिति में प्रशासन अगर मिल के संचालन में दिलचस्पी दी नहीं दिखाएगा।तो इसके 600 कर्मियों की स्थिति क्या होगी,इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।प्राप्त जानकारी के अनुसार रीगा चीनी मिल के प्रबंधन के द्वारा कुछ अरसे पहले से ही राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई जा रही थी।चीनी मिल प्रबंधन का कहना था कि यदि सरकार के द्वारा 40 करोड़ रुपए आसान ऋण मिल जाता है।तो वह अपने किसानों तथा कर्मियों का भुगतान कर सकते हैं।किंतु राज्य सरकार ने चीनी मिल समस्या पर उचित ध्यान नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि सीतामढ़ी और उसके आसपास के इलाकों में उद्योग धंधों के नाम रीगा चीनी मिल ही है।जिससे 50 हजार किसानों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है।
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