मुश्किलों में फंसी कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी, सिनेमा पर बैन लगाने की तैयारी में कर्नाटक सरकार
नई दिल्ली। कंगना रनौत अभिनीत फिल्म ‘इमरजेंसी’ अभी रिलीज भी नहीं हुई है और इससे पहले ही यह विवादों में घिर गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की सरकार इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। सिख समुदाय के नेताओं की आपत्तियों के बाद, राज्य सरकार कानूनी सलाह लेने के बाद इस दिशा में कदम उठा सकती है। तेलंगाना सिख सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिख समुदाय को गलत ढंग से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी तेजदीप कौर मेनन ने की, जिन्होंने मुख्यमंत्री के सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की, जिसमें दावा किया गया है कि फिल्म में सिख समुदाय को आतंकी और राष्ट्र-विरोधी तत्व के रूप में दिखाया गया है। सिख समुदाय का मानना है कि फिल्म में उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है, जिससे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी चिंताओं को सरकार के समक्ष रखते हुए कहा कि इस फिल्म से सिख समुदाय की सार्वजनिक छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री के सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री रेड्डी ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि कानूनी सलाह लेने के बाद ही फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया जाएगा। शब्बीर के अनुसार, मुख्यमंत्री इस मुद्दे को सिख समुदाय की भावनाओं के संदर्भ में देख रहे हैं और उनके प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार समाज के हर वर्ग की भावनाओं का सम्मान करती है और कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। तेलंगाना में ‘इमरजेंसी’ को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है, और सिख समुदाय के कई संगठन इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इन संगठनों का मानना है कि फिल्म के कुछ दृश्य सिख समुदाय को गलत रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। तेलंगाना सिख सोसाइटी ने राज्य भर में इसके खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है, यदि सरकार इस फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाती है। इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है, और अन्य राज्यों में भी इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठने की संभावना है। कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पहले से ही विवादों का सामना कर रही है, और यदि तेलंगाना सरकार इस पर प्रतिबंध लगाती है, तो इसका प्रभाव अन्य राज्यों में भी देखने को मिल सकता है। यह फिल्म पहले ही राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर चर्चा में है, और इसके खिलाफ विरोध बढ़ने से इसकी रिलीज पर असर पड़ सकता है। सिख समुदाय के विरोध के चलते फिल्म की रिलीज में देरी हो सकती है, या फिर निर्माता और निर्देशक को इसके कुछ दृश्यों में बदलाव करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। हालांकि, फिल्म निर्माताओं ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन इस विवाद का फिल्म की लोकप्रियता पर असर पड़ना तय है। कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई है, और तेलंगाना सरकार द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सिख समुदाय की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए, सरकार कानूनी सलाह के बाद ही कोई निर्णय लेगी। यदि फिल्म पर प्रतिबंध लगता है, तो इससे फिल्म के निर्माताओं के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। अब देखना यह है कि फिल्म की टीम इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या सरकार इसे राज्य में प्रदर्शित करने की अनुमति देती है या नहीं।