December 22, 2024

राम मंदिर में रामलला सूर्य की किरणों से हुआ तिलक, प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला भव्य समारोह

अयोध्या। अयोध्या में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से रामलला का सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया और मस्तक पर 3 मिनट तक नीली किरणें पड़ीं। सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। आज सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे। सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया है। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई गईं। अब तक 6 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी लाइनें लगी हैं। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर काफी भीड़ है। जन्मोत्सव के बाद पुजारी और भक्त रामलला के भजन गा रहे हैं। अयोध्या के करीब 10 हजार मंदिरों में भी भए प्रगट कृपाला दीनदयाला की स्तुति हो रही है। रामलला के जन्मोत्सव पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम नीतीश कुमार मौजूद रहे। रामलला सदन में राम जन्मोत्सव शुरू हो गया है। जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। जगतगुरु डॉ. राघवाचार्य ने कहा कि भगवान राम का अवतार लोक कल्याण के लिए हुआ। यहां दर्शन, पूजन और तपस्या का विशेष लाभ मिलता है। राम की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। रामलला को आज गुलाबी वस्त्र पहनाए गए हैं। जिस पर सूर्य का चिह्न बना है। उन्हें सोने का मुकुट, हार आदि पहनाया गया है, जिसमें हीरा-पन्ना, माणिक्य, नीलम जैसे रतन जड़े हैं। रामलला की पूजा में गुलाब, कमल, गेंदा, चंपा, चमेली जैसे फूलों का प्रयोग किया गया है। इन फूलों से बने दिव्य हार भी उनको पहनाए गए हैं। राम मंदिर सहित यहां के 10 हजार मंदिरों में रामलला के जन्म की खुशी में बधाइयां गूंज रही हैं। संत मंदिरों और आश्रमों में आरती और स्तुति कर रहे हैं। भक्त प्रसिद्ध गायक एमबी दास और रामनंदन दास के साथ निरंकार पाठक के बधाइयों के गायन में डूबे दिखे।

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