आईपीएस राकेश दुबे हुए निलंबन मुक्त: करीब तीन वर्ष बाद कैट के आदेश से निर्णय, बालू माफियाओं से मिलीभगत के आरोप में हुए थे निलंबित
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पटना। भोजपुर के पूर्व एसपी एवं आईपीएस अधिकारी राकेश दुबे को आखिरकार निलंबनमुक्त कर दिया गया है। राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राकेश कुमार दुबे को निलंबन मुक्त कर दिया है। इस बाबत गृह विभाग से संकल्प पत्र जारी कर दिया गया है। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राकेश कुमार दुबे लगभग पौने तीन वर्षो से निलंबित थे। भोजपुर के एसपी रहने के दौरान उनपर बालू के अवैध खनन और बालू माफियाओ से साठ गाठ रखने के आरोप लगे थे। हालांकि राज्य सरकार के इस कार्रवाई को लेकर राकेश कुमार CAT में गए थे। CAT में पूरी सुनवाई करने के बाद राकेश कुमार दुबे की निलंबन अवधि को बढ़ाने के गृह विभाग के आदेश को अनुचित माना था। इससे पहले गृह विभाग ने 12/1/24 को राकेश कुमार दुबे के निलंबन अवधि की फिर 180 दिन बढ़ाने का निर्णय लिया था जो 10/7/24को समाप्त हो रहा था। जिसे CAT ने अपने आदेश में रद्द कर दिया था। बहरहाल कैट के आदेश के बाद निलंबन समीक्षा समिति ने राकेश कुमार दुबे के निलंबन को समाप्त करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह निर्देश दिया गया है की राकेश कुमार दुबे अपने खिलाफ चल रहे विभागीय एवं आपराधिक कार्यवाही की जाँच में पूर्ण सहयोग करेंगे।बालू के अवैध खनन मामले में संलिप्तता एवं संदिग्ध आचरण के आरोप में उन्हें जुलाई, 2021 में निलंबित किया गया था।करीब पौने तीन साल बाद गृह विभाग ने उन्हें निलंबन मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है। निलंबन समीक्षा समिति की अनुशंसा पर उन्हें इस अपेक्षा के साथ निलंबन मुक्त किया गया है कि वे अपने विरुद्ध संचालित विभागीय एवं आपराधिक कार्यवाही में पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। उन्हें बिहार पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में योगदान करने को कहा गया है। बालू के अवैध खनन मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच रिपोर्ट के आधार पर जुलाई, 2021 में एसपी, डीएसपी, थानेदार तीन दर्जन पदाधिकारियों को निलंबित किया गया था, इसमें आइपीएस राकेश दुबे भी शामिल थे। उनपर बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन न करने, इसमें संलग्न लोगों को मदद पहुंचाने, अवैध खनन व परिवहन में संलिप्त रहने आदि के आरोप में कार्रवाई की गई थी।दो वर्ष से अधिक निलंबन अवधि बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय से भी पत्राचार किया गया। अंतिम बार इसी साल 12 जनवरी को राकेश दुबे की निलंबन अवधि 180 दिन बढ़ाते हुए 10 जुलाई तक की गई थी मगर न्यायाधिकरण के आदेश से फरवरी में इस निरस्तर कर दिया गया।इसमें कहा गया कि मामले में संबंधित तथ्यों और परिस्थतियों पर संपूर्णता सेu विचार नहीं किया गया। इसके बाद निलंबन समीक्षा समिति ने न्यायाधिकरण के आदेशों में निहित भावना को देखते हुए आइपीएस अधिकारी राकेश दुबे को निलंबन से मुक्त करने की अनुशंसा की है।
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