प्रदेश में बाढ़ के प्रकोप के बीच 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी
पटना। बिहार में इस समय बाढ़ और भारी बारिश का संकट गहराया हुआ है। प्रदेश के 12 जिले पहले से ही बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 12.67 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। इस बीच, मौसम विभाग ने 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मानसून के सक्रिय होने के कारण अगले तीन दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिससे बाढ़ का खतरा और भी बढ़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने दक्षिण और उत्तर-पूर्वी बिहार में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी भी दी है। इस दौरान, पछुआ हवा का प्रभाव पहले देखने को मिलेगा और फिर पूरवा हवा का असर हो सकता है, जिससे बारिश के साथ-साथ तापमान में भी बढ़ोतरी हो सकती है। बिहार के बेगूसराय जिले में अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो इसे प्रदेश का सबसे गर्म जिला बना रहा है। वहीं, भागलपुर में 22 से 25 सितंबर के बीच तापमान 35-36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और इस दौरान हल्की बारिश की भी संभावना है। बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं। इन जिलों के 64 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं, जहां नदी जलस्तर बढ़ने से हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। नदियों का जलस्तर पहले से ही बढ़ा हुआ है, और लगातार हो रही बारिश से यह और भी बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में अगले 48-72 घंटों तक तेज बारिश हो सकती है। हालांकि, कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना भी जताई जा रही है। हवा की गति 8-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रहने की संभावना है, जो मौसम की स्थिति को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही, प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। बारिश के बाद तापमान में कमी और नमी की बढ़ोतरी हो सकती है। बाढ़ से प्रभावित जिलों में सरकारी सहायता पहुंचाई जा रही है, लेकिन लगातार बारिश और जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण हालात नियंत्रण में नहीं आ पा रहे हैं। सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है, लेकिन मौसम के बिगड़ते हालात ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।