मिथिला पेंटिंग से सुसज्जित होकर छुक-छुक चली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
हाजीपुर। बिहार की विश्व प्रसिद्ध पारंपरिक कला मधुबनी शैली की चित्रकारी मधुबनी पेंटिंग अब रेलवे स्टेशन के बाद यहां से चलने वाली ट्रेनों को भी सुशोभित कर रही है। इसी कड़ी में दरभंगा व नई दिल्ली के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 12565/12566 बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 23 अगस्त से इस लोकप्रिय कला शैली के एक आदर्श प्रतिबिंब को दर्शाते हुए अलग रंग-रूप में चलने लगी, जिसे यात्रियों ने काफी सराहा। कोचों पर पेंटिंग के माध्यम से प्राकृतिक सौंदर्य को उतारा गया है। इसपर जंगल, ग्राम्य जीवन, परिवहन प्रणाली, ग्रामीन रसोई, बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ, दहेज प्रथा उन्मूलन, सूर्योदय, नदी में तैरती मछलियां, झरने, फलों से लदे पेड़ सहित अन्य आकृतियों से सजाया गया है। इस ट्रेन के एक कोच को मिथिला पेंटिंग से चित्रकारी करने के लिए 30 कलाकारों के साथ चार दिनों का समय लगा है। इस प्रकार कलाकारों द्वारा पिछले लगभग एक माह से कोचों पर चित्रांकण प्रारंभ करते बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन को एक अत्यंत ही आकर्षक रंग-रूप प्रदान किया गया है। इस मिशन को वास्तव में स्वच्छता ही सेवा से आगे बढ़ाते हुए सेवा से सुंदरता का नाम दिया जा सकता है। इस ट्रेन की बोगियों पर बनाई गई मिथिला पेंटिंग से न केवल इस कला को प्रचार और विस्तार मिलेगा बल्कि देश की इस प्राचीन विरासत को एक बार पुन: नई पहचान मिलेगी। आज प्रथम दिन समस्तीपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक आर.के. जैन ने अपनी टीम के साथ दरभंगा स्टेशन से हाजीपुर तक इस ट्रेन से सफर तय किया एवं यात्रियों से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया ली। तत्पश्चात हाजीपुर स्टेशन पहुंचने पर सोनपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अतुल्य सिन्हा, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अनिल शर्मा, मुख्य रोलिंग स्टॉक इंजीनियर (कोचिंग) अतुल प्रियदर्शी सहित पूर्व मध्य रेल मुख्यालय एवं सोनपुर तथा समस्तीपुर मंडल के अन्य उच्चाधिकारी तथा मीडियाकर्मी इस आनंददायक क्षण के गवाह बने।
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