BIHAR : अग्निकांड पीड़ितों को त्वरित मुआवजा भुगतान का राज्य सरकार का निर्देश
* आपदा प्रबंधन सचिव ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को दिया निर्देश
* पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराएं
पटना। अग्निकांड पीड़ित परिवारों के बीच तत्काल मुआवजे का भुगतान किया जा सके, इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में इन दिनों भीषण गर्मी एवं लू का सामना करना पड़ रहा है तथा आगजनी की घटनाएं प्राय: घट रही है। आगजनी की वजह से मकान-झोपड़ी, फसल, पशु क्षति के मामले लगातार आ रहे हैं। ऐसे पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि दिया जाए।
श्री अग्रवाल ने बताया कि आगजनी के कारण मकान एवं झोपड़ी के क्षतिग्रस्त होने के मामले में यह सुनिश्चित किया जाय कि क्षतिग्रस्त संरचना वास्तव में अस्थायी झोपड़ी है अथवा स्थायी रुप से रहने हेतु बनाया गया कच्चा मकान था या पक्का भवन। यह सुनिश्चित करने के बाद पीड़ित परिवारों को साहाय्य मानदर के अनुरुप गृह क्षति हेतु अनुमान्य अनुदान उपलब्ध कराया जाए। पशुओं के लिए बनाये शेड अगर अग्निकांड के कारण नष्ट होता है तो उन्हें भी साहाय्य मानदर के अनुरुप राशि उपलब्ध करायी जाय।
उन्होंने कहा कि कृषकों के खेत में लगी फसल अथवा खलिहान में रखी गयी फसल की क्षति अग्निकांड के कारण होने की स्थिति में यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि कितने क्षेत्र में लगी फसल की क्षति हुई है। यदि फसल की क्षति 33 प्रतिशत या उससे अधिक हुआ हो तो साहाय्य मानदर के अनुरुप कृषि इनपुट सब्सिडी का भुगतान सुनिश्चित किया जाय। अगर खेतों का फसल खलिहान अथवा घर में रखी गयी हो एवं अग्निकांड की घटना से नष्ट हो गयी हो तो स्थानीय पदाधिकारी व कर्मी से जांच कर यह सुनिश्चित कर ली जाय कि नष्ट हुई फसल खेतों से कितने रकवा में लगी थी। अग्निकांड की घटना से पशु क्षति होने पर स्थानीय पदाधिकारी व कर्मी से प्रतिवेदन प्राप्त कर पशु क्षति हेतु अनुमानित अनुदान की राशि अतिशीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि अग्निकांड के बाद जिनका घर एवं खाद्यान्न जलकर समाप्त हो जाता है एवं उनके सामने रहने एवं खाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है, उन्हें तत्काल पॉलिथिन शीट्स एवं आबादी निष्क्रमण मद से सूखा राशन-चूडा़, गुड़ आदि शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिष्चित किया जाय। साथ ही अग्निकांड से पीड़ित परिवारों को आनुग्रहिक राहत तथा वस्त्र एवं बर्तन तत्काल उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित किया जाए।