हाथरस घटना को लेकर सूरज पाल के खिलाफ पटना में विरोध प्रदर्शन, पोस्टर पर पोती गई कालीख

पटना। हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ से अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना को लेकर सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के कारगिल चौक पर बाबा के पोस्टर पर कालिख पोतकर बीजेपी के यूथ प्रदेश प्रवक्ता ने विरोध जताया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस भी मौजूद रही। बीजेपी यूथ के प्रदेश प्रवक्ता कृष्णा सिंह उर्फ कल्लू ने इस घटना को साजिश बताते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने और बाबा को फांसी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश में इस तरह के सत्संग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग भी की, जिन्होंने इस तरह के आयोजन में लापरवाही बरती। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए और पाखंडी ढोंगी बाबा सूरज पाल के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। घटना के बाद से पूरा माहौल गमगीन हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इस घटना के हर पहलू की जांच कर रहे हैं। वहीं, योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को राहत के तौर पर 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की है। सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ की यह घटना बेहद दुखद है। पटना में विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी यूथ प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि बाबा की लापरवाही के कारण ही यह घटना हुई है। उन्होंने बाबा को फांसी देने की मांग की और कहा कि इस तरह के पाखंडी बाबाओं के कारण देश में अराजकता फैलती है। विरोध प्रदर्शन के दौरान कारगिल चौक पर बाबा के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। कृष्णा सिंह उर्फ कल्लू ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और ऐसे आयोजनों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं हमारे समाज के लिए शर्मनाक हैं और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है। इस घटना के बाद से पूरे उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है और सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं, जांच कमेटी इस घटना के हर पहलू की जांच कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। बीजेपी यूथ के इस विरोध प्रदर्शन ने सरकार और प्रशासन को यह संदेश दिया है कि जनता इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

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