शिक्षा विभाग के नाइट गार्ड की बहाली का शुरू हुआ विरोध, कम सैलरी को लेकर असंतोष
पटना। शिक्षा विभाग ने सरकारी मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में 28200 के करीब रात्रि प्रहरी के बहाली को लेकर अधिसूचना जारी की है। विभाग की अधिसूचना के अनुरूप निजी एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर रात्रि प्रहरी की बहाली की जाएगी। सरकार की ओर से 5000 दिया जाएगा जिसमें जीएसटी, ईएसआई और कंपनी टैक्स भी कटेगा। ऐसे में विभाग के इस अधिसूचना का चारों तरफ विरोध हो रहा है। छात्र नेता हो या शिक्षक नेता सभी बिहार नाइट गार्ड बहाली का विरोध को मजदूरों के शोषण का नया तरीका बता रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग को निजीकरण करने का भी आरोप लगा रहे हैं। बिहार के छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि विद्यालय सरकार का है और विद्यालय के तमाम बेंच डेस्क, बर्तन, कंप्यूटर उपकरण सभी सरकारी हैं। ऐसे में सरकार सरकारी सामानों की रक्षा के लिए जिम्मेदारी प्राइवेट हाथों में क्यों दे रही है। सरकार को सरकारी स्तर पर यह बहाली करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 28001 बहुत बड़ी संख्या होती है। सरकार यदि इसे रोजगार में गिनती करावाएगी तो वह उसे नहीं मानेंगे। रात्रि प्रहरियों को 5000 मानदेय देने की बात कही गई है और उसमें भी टैक्स काटे जाने हैं। दिलीप कुमार ने बताया कि बिहार में जो न्यूनतम मासिक मजदूरी है वह 10000 से अधिक है। ऐसे में यह पूरी तरीके से मजदूरों के शोषण का फैसला है। बेरोजगारों को बेरोजगार ही रखने की साजिश है। सरकार को स्थाई नौकरी देनी चाहिए ताकि लोग सुरक्षित भाव से स्वाभिमान के साथ काम कर सकें। पिछले दिनों आईसीटी इंस्ट्रक्टर की बहाली शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से की गई थी। 6 साल के लिए बहाली हुई थी और 6 महीना में ही विभाग ने एक झटके में निकाल दिया और वेतन भी नहीं दिया। क्या रात्रि प्रहरियों के साथ भी ऐसा ही होगा इसको लेकर कई लोगों के मन में संदेह है? शिक्षक नेता और बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षा विभाग में जोर शोर से ठेके पर एजेंसियों के माध्यम से बहाली हो रही है। बीपीएम, बीआरपी और आईसीटी प्रशिक्षक के बाद अब एजेंसी के माध्यम से रात्रि प्रहरी की बहाली हो रही है। कब कुछ काटकर रात्रि प्रहरी को लगभग 3000 रुपए मिलेगा। सरकार रात्रि प्रहरी की ड्यूटी को अंशकालीन कह रही है तो बताएं कि रात्रि प्रहरी की ड्यूटी कैसे अंशकालिक होगी उसे तो रात भर जागकर सामान की रक्षा करनी होगी। अमित विक्रम ने कहा कि सरकार कह रही है कि विद्यालय की जो सफाई कर्मी है। दिन में 3 से 5 विद्यालय में घूम-घूम कर सफाई करते हैं। अथवा पुरुष रसोईया है जो दिन भर खाना बनाते हैं उनको प्राथमिकता के रूप से रात्रि प्रहरी बनाया जाए। ऐसे में क्या यह व्यावहारिक है कि कोई व्यक्ति रात भर जागकर स्कूल में सामान की रक्षा करेगा। फिर दिन में साफ सफाई करेगा अथवा बच्चों के लिए खाना बनाएगा।