बिहार में शराबबंदी कानून हटा देना चाहिए, इसके कारण राजस्व का हो रहा भारी घाटा : अजीत शर्मा
- जीतनराम मांझी और आरजेडी विधायक के बाद अब कांग्रेस ने भी बिहार शराबबंदी कानून पर उठाये सवाल
पटना। बिहार में नीतीश कुमार जहां शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए जहां प्रयासरत हैं। वहीं उनकी सरकार में शामिल सहयोगी दल इसपर लगातार सवाल उठा रही है। जीतनराम मांझी और आरजेडी विधायक के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी शराबबंदी पर सवाल उठाया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है- शराबबंदी पर सरकार को सख्त रुख अपनानी चाहिए और सीनियर अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकार यह नही कर पाती है तो शराबबंदी कानून को ही हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराब बंदी की वजह से बिहार में दस हजार करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हो रहा है। भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा की बिहार में पूर्ण शराबंदी नहीं है, उन्होंने शराबबंदी पर सवाल उठाने के साथ ही इस कानून को अच्छा भी बताया बिहार में जो कानून बनाया गया है वह बिलकुल सही है, लेकिन इसका ठीक ढंग से अनुपालन नहीं हो रहा है। इसलिए यह प्रभावी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून लागु होने के बाद भी आसानी से सभी जगहों पर शराब उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को सख्त रुख अपनाते हुए वरीय अधिकारियों पर कार्रवाई करना चाहिए या फिर शराबबंदी कानून को ही खत्म कर दिया जाना चाहिए। बता दे की इससे पहले नीतीश कुमार की सरकार में सहयोगी पार्टी जीतनराम मांझी ने भी शराबबंदी पर सवाल खड़े किए थे। जीतन राम मांझी ने कहा था की शराबबंदी खराब नहीं है लेकिन उसे जिस तरह से लागू किया गया उसकी प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हैं।