दानवीर भामाशाह की जयंती पर पटना में राजकीय कार्यक्रम आयोजित, मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि देकर किया नमन

पटना। राजधानी पटना के पुनाईचक पार्क में मंगलवार को दानवीर भामाशाह की जयंती के अवसर पर राजकीय स्तर पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर राज्य के शीर्ष नेतृत्व और सामाजिक संगठनों ने मिलकर भारत के इस महान दानवीर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने अर्पित की पुष्पांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भामाशाह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। दोनों नेताओं ने भामाशाह के योगदान को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भामाशाह का जीवन समाज सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का अनुपम उदाहरण है, जिसे आज की पीढ़ी को जानना और अपनाना चाहिए।
अन्य प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
इस राजकीय आयोजन में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, जदयू महासचिव कमल नोपानी सहित कई वरिष्ठ राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। इन सभी ने भामाशाह की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।
भामाशाह का ऐतिहासिक योगदान
भामाशाह का नाम भारतीय इतिहास में त्याग और देशभक्ति के प्रतीक के रूप में लिया जाता है। वे मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के सेनापति और विश्वासपात्र मंत्री थे। जब अकबर से लड़ते हुए महाराणा प्रताप आर्थिक संकट में आ गए थे, तब भामाशाह ने अपनी समस्त संपत्ति दान में देकर उन्हें पुनः संग्राम के लिए सक्षम बनाया। उनका यह योगदान भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
कार्यक्रम में वक्ताओं ने भामाशाह को न केवल एक दानवीर, बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्रभक्त बताया। उन्होंने कहा कि भामाशाह जैसे महापुरुषों की जीवनी से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज व देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना चाहिए। उनके आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय थे। दानवीर भामाशाह की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम था, बल्कि समाज को यह याद दिलाने का भी अवसर था कि देशभक्ति, त्याग और सेवा जैसे मूल्यों का आज भी कितना महत्व है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को इन महान व्यक्तित्वों के जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर मिलता है।