26 नवंबर से शुरू होगी सक्षमता परीक्षा-3 की आवेदन प्रक्रिया, 8 दिसंबर तक भरे जाएंगे फॉर्म
पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सक्षमता परीक्षा के दूसरे चरण के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इसके साथ ही, तीसरे चरण की सक्षमता परीक्षा के कार्यक्रम का भी एलान कर दिया गया है। इस परीक्षा का उद्देश्य राज्य के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर उनकी सेवाओं को अधिक व्यवस्थित और सम्मानजनक बनाना है। बिहार सरकार ने शिक्षकों को यह दर्जा देने के लिए पांच बार सक्षमता परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है। तीसरे चरण की सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 26 नवंबर 2024 से शुरू होगी और 8 दिसंबर 2024 तक चलेगी। इस संबंध में बोर्ड 25 नवंबर को आधिकारिक विज्ञप्ति जारी करेगा। परीक्षा 26 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच आयोजित की जाएगी। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए एडमिट कार्ड 19 दिसंबर 2024 को जारी किए जाएंगे। बिहार बोर्ड का लक्ष्य है कि परीक्षा का परिणाम 5 फरवरी 2025 तक प्रकाशित कर दिया जाए। सक्षमता परीक्षा के दूसरे चरण में 65,716 शिक्षक पास हुए हैं। इन सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग जल्द ही शुरू की जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा काउंसलिंग के लिए सभी संबंधित शिक्षकों को अलग से सूचना दी जाएगी। इससे पहले, पहले चरण की परीक्षा में 1.87 लाख शिक्षक सफल हुए थे। बिहार सरकार का यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और शिक्षकों को सरकारी सेवाओं के समान सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा और वे विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। इन्हें बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों के समान वेतनमान और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस पहल के तहत, राज्य के लगभग 3.75 लाख नियोजित शिक्षकों को मौका दिया गया है कि वे इन परीक्षाओं के माध्यम से अपने कौशल और योग्यता को साबित करें। जिन शिक्षकों ने पहले और दूसरे चरण में परीक्षा पास की है, उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। सक्षमता परीक्षा का आयोजन बीपीएससी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर किया जाएगा। इसमें प्रश्न शिक्षक की विषय-वस्तु पर पकड़ और शिक्षण कौशल का आकलन करने के लिए बनाए जाते हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन करें और परीक्षा की तैयारी के लिए समय का उचित प्रबंधन करें। पहले चरण में आयोजित सक्षमता परीक्षा में 1.87 लाख शिक्षक पास हुए थे। दूसरे चरण में यह संख्या 65,716 रही। यह दर्शाता है कि अधिकांश शिक्षकों ने इस परीक्षा को गंभीरता से लिया है और अपनी योग्यता को साबित किया है। तीसरे चरण में भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के भाग लेने की संभावना है। बिहार सरकार का यह निर्णय शिक्षकों को बेहतर भविष्य और सम्मानजनक स्थिति प्रदान करने की दिशा में एक अहम पहल है। राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद शिक्षक न केवल अधिक आर्थिक सुरक्षा का अनुभव करेंगे, बल्कि उनकी सेवाएं भी अधिक प्रभावी और उत्पादक हो सकेंगी। इससे राज्य की शिक्षा प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी। नियोजित शिक्षकों के लिए यह परीक्षा सरकारी सेवाओं में प्रवेश का एक बड़ा अवसर है। सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद, उन्हें न केवल बेहतर वेतनमान मिलेगा, बल्कि अन्य सुविधाएं जैसे पेंशन और पदोन्नति की संभावना भी बढ़ेगी। सक्षमता परीक्षा के तीसरे चरण का एलान शिक्षकों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। बिहार सरकार और बिहार बोर्ड की यह पहल शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षकों को चाहिए कि वे इस मौके का पूरा लाभ उठाएं और अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पूरी तैयारी करें।