February 22, 2025

स्कूलों में मिड-डे मील में गड़बड़ी करने वाले प्रधानाध्यापक होंगे सस्पेंड, प्रतिदिन रिपोर्ट का निरीक्षण करेगा विभाग

पटना। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) योजना को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन नए निर्देशों के तहत, यदि किसी विद्यालय में मिड-डे मील वितरण में गड़बड़ी पाई जाती है या नियमों का पालन नहीं किया जाता, तो संबंधित प्रधानाध्यापक (हेडमास्टर) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन भी शामिल है।
नए नियमों के तहत पारदर्शिता पर जोर
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन केवल उन बच्चों के लिए ही बनाया जाएगा, जो उस दिन स्कूल में उपस्थित होंगे। यदि किसी स्कूल में तय उपस्थिति से अधिक भोजन बनता है या गड़बड़ी सामने आती है, तो प्रधानाध्यापक पर सीधी कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रतिदिन की रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी गई है, जिसमें सभी शिक्षकों के हस्ताक्षर भी आवश्यक होंगे।
रिपोर्टिंग और निरीक्षण की नई व्यवस्था
मिड-डे मील योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला शिक्षा कार्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों में प्रतिदिन बनने वाले भोजन की जांच करें। इस निरीक्षण के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जो अपनी रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करेगी। यदि इस रिपोर्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता पाई जाती है, तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि कोई शिक्षक रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं करता, तो उसे गैरहाजिर माना जाएगा।
बिहार सरकार की सख्त निगरानी
शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों की रिपोर्टों का नियमित निरीक्षण करें। विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, यदि किसी विद्यालय की रिपोर्ट गलत पाई जाती है, तो प्रधानाध्यापक के खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई होगी बल्कि उनकी जिम्मेदारियों की भी समीक्षा की जाएगी।
मिड-डे मील योजना में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
बिहार सरकार लंबे समय से सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सुधारने और अनियमितताओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है। पहले भी कई बार शिकायतें आई थीं कि कुछ स्कूलों में मिड-डे मील की गुणवत्ता खराब होती है या भोजन सही तरीके से वितरित नहीं किया जाता। अब नई रिपोर्टिंग प्रणाली से इस योजना को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा। बिहार के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना को सही तरीके से लागू करने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने कड़े नियम लागू किए हैं। प्रधानाध्यापक को पूरी जवाबदेही लेनी होगी, अन्यथा उन्हें निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह कदम शिक्षा व्यवस्था में सुधार और बच्चों को पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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