February 7, 2025

स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राष्ट्र के नाम संदेश : 75 सालों में हमने प्रगति पथ पर काफी लंबी दूरी तय की

CENTRAL DESK : 75वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। कहा कि इसी वर्ष से हम सब अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। स्वाधीनता दिवस हमारे लिए पराधीनता से मुक्ति का त्योहार है। कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आजादी का सपना साकार हुआ था। उन सभी ने त्याग व बलिदान के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए। उनके शौर्य और पराक्रम के बल पर ही आज हम और आप आजादी की सांस ले रहे हैं। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि अपने गणतंत्र की विगत 75 वर्षों की यात्रा पर जब हम नजर डालते हैं तो हमें यह गर्व होता है कि हमने प्रगति पथ पर काफी लंबी दूरी तय कर ली है। गांधीजी ने हमें यह सिखाया है कि गलत दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने से अच्छा है कि सही दिशा में धीरे ही सही लेकिन सधे हुए कदमों से आगे बढ़ा जाए।
हमारे खिलाड़ियों ने देश का गौरव बढ़ाया
उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है। भारत ने ओलंपिक खेलों में अपनी भागीदारी के 121 वर्षों में सबसे अधिक मेडल जीतने का इतिहास रचा है। हमारी बेटियों ने अनेक बाधाओं को पार करते हुए खेल के मैदानों में विश्व स्तर की उत्कृष्टता हासिल की है। खेल-कूद के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और सफलता में युगांतरकारी परिवर्तन हो रहे हैं। मैं हर माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे ऐसी होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें।
महामारी के कारण स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़े पैमाने पर नहीं मनेंगे
उन्होंने संदेश में कहा कि पिछले साल की तरह महामारी के कारण, इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़े पैमाने पर नहीं मनाए जा सकेंगे लेकिन हम सबके हृदय में हरदम भरपूर उत्साह बना हुआ है। हालांकि महामारी की तीव्रता में कमी आई है लेकिन कोरोना वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस वर्ष आई महामारी की दूसरी लहर के विनाशकारी प्रभाव से हम अभी तक उबर नहीं पाए हैं। पिछले वर्ष सभी लोगों के असाधारण प्रयासों के बल पर हम संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने में सफल रहे थे। हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत ही कम समय में वैक्सीन तैयार करने का कठिन काम संपन्न कर लिया। इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। फिर भी, कोरोना-वायरस के नए रूपों और अन्य अप्रत्याशित कारणों के परिणामस्वरूप हमें दूसरी लहर का भयावह प्रकोप झेलना पड़ा। इस बात का गहरा दुख है कि दूसरी लहर में बहुतेरे लोगों की प्राण रक्षा नहीं की जा सकी और बहुत से लोगों को भारी कष्ट सहने पड़े। यह अभूतपूर्व संकट का समय था। मैं पूरे देश की ओर से पीड़ित परिवारों के दुख में बराबर का भागीदार हूं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का संतोष है कि इस महामारी में हमने जितने लोगों की जानें गंवाई हैं, उससे अधिक लोगों की प्राण रक्षा कर सके हैं। एक बार फिर, हम अपने सामूहिक संकल्प के बल पर ही दूसरी लहर में कमी देख पा रहे हैं। हर तरह के जोखिम उठाते हुए हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है।
अब तक 50 करोड़ से अधिक लोगों को लग चुकी वैक्सीन
कोविड की दूसरी लहर से हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे पर बहुत दबाव पड़ा है। सच तो यह है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं समेत किसी भी देश का बुनियादी ढांचा, इस विकराल संकट का सामना करने में समर्थ सिद्ध नहीं हुआ। हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए। देश के नेतृत्व ने इस चुनौती का डटकर सामना किया। केंद्र सरकार के प्रयासों के साथ-साथ राज्य सरकारों, निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं, गैर सरकारी संगठनों तथा अन्य समूहों ने सक्रिय योगदान किया। इस असाधारण अभियान में कई देशों ने उदारता से अनिवार्य वस्तुएं उसी तरह साझा कीं, जैसे भारत ने बहुत से देशों को दवाईयां, उपकरण और वैक्सीन उपलब्ध कराई थी। इन सभी प्रयासों के परिणाम-स्वरूप, काफी हद तक सामान्य स्थिति बहाल हो गई है और अब हमारे अधिकांश देशवासी राहत की सांस ले रहे हैं। अब तक के अनुभव से यही सीख मिली है कि अभी हम सबको लगातार सावधानी बरतने की जरूरत है। इस समय वैक्सीन हम सबके लिए विज्ञान द्वारा सुलभ कराया गया सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है। हमारे देश में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 50 करोड़ से अधिक देशवासियों को वैक्सीन लग चुकी है।
मई और जून में करीब 80 करोड़ लोगों को अनाज उपलब्ध कराया
राष्टÑपति ने कहा कि इस महामारी का प्रभाव अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही विनाशकारी है, जितना लोगों के स्वास्थ्य के लिए। सरकार गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के साथ-साथ छोटे और मध्यम उद्योगों की समस्याओं के विषय में भी चिंतित रही है। सरकार, उन मजदूरों और उद्यमियों की जरूरतों के प्रति भी संवेदनशील रही है जिन्हें लॉकडाउन और आवागमन पर प्रतिबंधों के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। उनकी जरूरतों को समझते हुए सरकार ने पिछले वर्ष उन्हें राहत प्रदान करने के लिए बहुत से कदम उठाए थे। इस वर्ष भी सरकार ने मई और जून में करीब 80 करोड़ लोगों को अनाज उपलब्ध कराया। अब यह सहायता दीपावली तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, कोविड से प्रभावित कुछ उद्यमों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने हाल ही में 6 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। यह तथ्य विशेष रूप से संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक वर्ष की अवधि में ही तेईस हजार दो सौ बीस करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
कृषि के क्षेत्र में बढ़ोतरी जारी रही
सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में बढ़ोतरी जारी रही है। हाल ही में, कानपुर देहात जिले में स्थित अपने पैतृक गांव परौंख की यात्रा के दौरान मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई की ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की मनोवैज्ञानिक दूरी अब पहले की तुलना में काफी कम हो गई है।
अब खुद का घर होने का सपना साकार हो रहा
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पर्यावरण के अनुकूल, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों, विशेष रूप से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के नवीन प्रयासों की विश्वव्यापी प्रशंसा हो रही है। जब ईज आफ डुइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ईज आफ लिविंग पर भी पड़ता है। इसके अलावा जन कल्याण की योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए 70,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना की बदौलत खुद का घर होने का सपना अब साकार हो रहा है। एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में किए गए अनेक सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और भी सशक्त होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी। सरकार ने प्रत्येक देशवासी की क्षमता को विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिनमें से कुछ का ही उल्लेख मैंने किया है।
भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की सराहना
मैं विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की सराहना करता हूं, जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की रक्षा की है,और आवश्यकता पड़ने पर सहर्ष बलिदान भी दिया है। मैं सभी प्रवासी भारतीयों की भी प्रशंसा करता हूं। उन्होंने जिस देश में भी घर बसाया है, वहां अपनी मातृभूमि की छवि को उज्ज्वल बनाए रखा है। मैं एक बार फिर आप सभी को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देता हूं। यह वर्षगांठ मनाते हुए मेरा हृदय सहज ही आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 के सशक्त, समृद्ध और शांतिपूर्ण भारत की परिकल्पना से भरा हुआ है। मैं यह मंगलकामना करता हूं कि हमारे सभी देशवासी कोविड महामारी के प्रकोप से मुक्त हों तथा सुख और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ें।

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