आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के भाई के घर पुलिस की रेड, फायरिंग केस में आरोपी है फरार
- छापेमारी में 11 लाख कैश और 3 बंदूक मिले…नोट गिनने की मशीन भी बरामद
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हड़कंप मच गया है। आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव के घर पुलिस ने गुरुवार को बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई 22 अगस्त 2024 को पटना एम्स के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर पर हुए जानलेवा हमले के मामले में की गई। पुलिस ने छापेमारी में 11 लाख रुपये कैश, तीन अवैध बंदूक, नोट गिनने की मशीन, जमीन से जुड़े दस्तावेज और अन्य वित्तीय कागजात बरामद किए। 22 अगस्त को एम्स के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर प्रेमनाथ राय पर दीघा एलिवेटेड रोड पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। उस समय प्रेमनाथ राय ऑफिस जा रहे थे और इस हमले में बाल-बाल बच गए। जांच में सामने आया कि इस हमले का मास्टरमाइंड आरजेडी विधायक रीतलाल यादव का भाई पिंकू यादव है। पिंकू पर आरोप है कि वह एम्स में गार्ड की नियुक्ति में अपने चहेतों को रखना चाहता था। इसके लिए उसने 35 लोगों से 60-60 हजार रुपये वसूले। वसूली गई रकम में से आधा हिस्सा पिंकू के पास जाना था, लेकिन एम्स चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर के विरोध करने पर पिंकू की योजना विफल हो गई। इस कारण उसने ऑफिसर पर हमले की साजिश रच दी। दानापुर के एएसपी भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में पिंकू यादव के ठिकाने पर की गई छापेमारी में बड़ी मात्रा में गैरकानूनी सामान बरामद हुआ। तीन अवैध बंदूक जिनके पास कोई लाइसेंस नहीं था। 11 लाख रुपये नकद ये रकम कहां से आई, इसका कोई दस्तावेज नहीं मिला। नोट गिनने की मशीन यह संदिग्ध लेनदेन की ओर इशारा करती है। पुराने स्टांप पेपर और जमीन के कागजात जिससे जमीन के विवाद या धोखाधड़ी का मामला जुड़ा हो सकता है। पुलिस के अनुसार, इस मामले में खगौल थाने में केस दर्ज होने के बाद कोर्ट से वारंट जारी किया गया। 13 नवंबर को पिंकू यादव के घर नोटिस चिपकाया गया था, जिसमें सरेंडर करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद, अब तक उसने आत्मसमर्पण नहीं किया है। बुधवार देर रात पुलिस उसकी तलाश में पहुंची, लेकिन वह फरार मिला। पिंकू यादव की फरारी और उसके घर से मिली सामग्री ने बिहार में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। विधायक रीतलाल यादव पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उनके परिवार के लोग आपराधिक गतिविधियों में लिप्त क्यों हैं। वहीं, यह मामला एम्स जैसी प्रतिष्ठित संस्था की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। इस छापेमारी ने पिंकू यादव के आपराधिक नेटवर्क और सत्ता के दुरुपयोग की संभावनाओं को उजागर किया है। पुलिस की जांच जारी है, लेकिन इस तरह के मामलों से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक पिंकू यादव को गिरफ्तार कर मामले की गुत्थी सुलझा पाता है।